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मैनपुरी। जवाहर नवोदय विद्यालय कांड की सुनवाई शनिवार को स्पेशल जज पॉक्सो एक्ट पूनम त्यागी की कोर्ट में हुई। इस दौरान छात्रा के पिता ने कोर्ट में अभियेाजन पक्ष का समर्थन करते हुए गवाही दी। गवाही पूरी होने पर बचाव पक्ष के वकील ने जिरह भी की। कोर्ट ने जिरह पूरी करने के लिए 22 सितंबर की तिथि नियत की है।
जवाहर नवोदय विद्यालय की कक्षा 11 की छात्रा की मौत के बाद पुलिस द्वारा भेजी गई चार्जशीट के आधार पर स्पेशल जज पॉक्सो एक्ट पूनम त्यागी की कोर्ट में मुकदमा विचाराधीन है। विद्यालय की तत्कालीन प्राचार्या सुषमा सागर को छात्रा को आत्महत्या के लिए प्रेरित करने के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेजा गया हैं।
बताते चले बीते 16 सितंबर 2019 को जवाहर नवोदय विद्यालय में पढ़ने वाली कक्षा 11 की छात्रा की संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गई थी। उसका शव हॉस्टल में फंदे पर लटका मिला था।
छात्रा को आत्महत्या के लिए प्रेरित करने के आरोप में प्राचार्या सुषमा सागर जेल में बंद हैं। शनिवार को मुकदमे की सुनवाई के लिए प्राचार्या को पुलिस सुरक्षा में जेल से सीधे कोर्ट लाया गया। कोर्ट में सुनवाई होने के बाद प्राचार्या के पत्रावली पर हस्ताक्षर कराने के बाद उनको पुलिस सुरक्षा में ही कोर्ट से सीधे जेल भेज दिया गया।
विस्तार
मैनपुरी। जवाहर नवोदय विद्यालय कांड की सुनवाई शनिवार को स्पेशल जज पॉक्सो एक्ट पूनम त्यागी की कोर्ट में हुई। इस दौरान छात्रा के पिता ने कोर्ट में अभियेाजन पक्ष का समर्थन करते हुए गवाही दी। गवाही पूरी होने पर बचाव पक्ष के वकील ने जिरह भी की। कोर्ट ने जिरह पूरी करने के लिए 22 सितंबर की तिथि नियत की है।
जवाहर नवोदय विद्यालय की कक्षा 11 की छात्रा की मौत के बाद पुलिस द्वारा भेजी गई चार्जशीट के आधार पर स्पेशल जज पॉक्सो एक्ट पूनम त्यागी की कोर्ट में मुकदमा विचाराधीन है। विद्यालय की तत्कालीन प्राचार्या सुषमा सागर को छात्रा को आत्महत्या के लिए प्रेरित करने के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेजा गया हैं।
बताते चले बीते 16 सितंबर 2019 को जवाहर नवोदय विद्यालय में पढ़ने वाली कक्षा 11 की छात्रा की संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गई थी। उसका शव हॉस्टल में फंदे पर लटका मिला था।
छात्रा को आत्महत्या के लिए प्रेरित करने के आरोप में प्राचार्या सुषमा सागर जेल में बंद हैं। शनिवार को मुकदमे की सुनवाई के लिए प्राचार्या को पुलिस सुरक्षा में जेल से सीधे कोर्ट लाया गया। कोर्ट में सुनवाई होने के बाद प्राचार्या के पत्रावली पर हस्ताक्षर कराने के बाद उनको पुलिस सुरक्षा में ही कोर्ट से सीधे जेल भेज दिया गया।
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