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सुबह पांच बजे से ही चिडिय़ों की चहचहाहट होती थी तो पता चल जाता था कि अब सुबह हो गई है, लेकिन बढ़ते शहरीकरण के कारण अब यह आवाजें सुनाई नहीं देती हैं. चिडिय़ों को बचाने के प्रति लोगों को जागरूक करने लिए हर साल पांच जनवरी को राष्ट्रीय पक्षी दिवस मनाया जाता है. एक्सपर्ट हमारे आसपास चिडिय़ों के कम होने का मुख्य कारण पेड़ों का कटना और क्लाइमेट चेंज को मानते हैैं.
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