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आगरा नगर निगम
– फोटो : अमर उजाला
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आगरा नगर निगम वैसे तो अपने कई कारनामों की वजह से हमेशा सुर्खियों में रहता है, लेकिन इस बार जो किया है, वो हैरान कर देने वाला है। सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के संदर्भ में जो सूचना मांगी गई, उसका जवाब ऐसा दिया गया, जिसकी खूब चर्चा हो रही है। नगर निगम की ओर कहा गया कि सभी लिपिक दीवाली की सफाई में व्यस्त हैं। ऐसे में चार साल का ब्योरा देने में फोटोस्टेट कराने पर अनुमानित दो हजार रुपये का खर्च जमा कराना निगम हित में होगा।
मांगा था चार साल का ब्योरा
आरटीआई एक्टिविस्ट नरेश पारस ने नगर निगम से चार साल में हुए सामूहिक विवाह समारोहों का ब्योरा मांगा था। पारस ने बताया कि नगर स्वास्थ्य अधिकारी की ओर से भेजा गया जवाब सूचना अधिकार के नियमों का उल्लंघन है। जवाब में कहा गया है कि प्रार्थी व्यक्तिगत रूप से संपर्क करके सूचना मांग सकता है। सभी लिपिक दीवाली की साफ सफाई में व्यस्त हैं। वर्ष 2022-23 में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना की सभी जानकारी विभागीय वेबसाइट पर उपलब्ध है।
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आरटीआई एक्टिविस्ट करेंगे प्रथम अपील
आरटीआई एक्टिविस्ट का कहना है कि निगम ने मनमाना जवाब दिया है। सूचना 30 दिन के अंदर देनी होती है। इसे दीवाली बाद भी दिया जा सकता था, लेकिन अटपटा जवाब दिया गया। सूचना देने का खर्च तो निकाल लिया मगर सूचना नहीं दे सके। वह प्रथम अपील करेंगे।
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