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फतेहपुर सीकरी म्यूजियम
– फोटो : अमर उजाला
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आगरा के फतेहपुर सीकरी में पर्यटक नई साज-सज्जा के साथ इतिहास का खजाना देख सकेंगे। टकसाल के सामने खजाना महल की इमारत में 20 साल पहले स्थापित किए गए म्यूजियम को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने संवारा है। लाइटिंग और डिस्प्ले में बदलाव के बाद इस म्यूजियम को पर्यटकों के लिए खोल दिया गया है।
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने मुगल शहंशाह अकबर की राजधानी फतेहपुर सीकरी स्थित टकसाल के सामने खजाना महल में बने म्यूजियम को साज-सज्जा के लिए बंद किया था। अब यहां संरक्षित इतिहास फिर से पर्यटक देख सकेंगे।
फतेहपुर सीकरी में सातवीं-आठवीं शताब्दी की यक्षिणी की प्रतिमा और 11वीं शताब्दी की सरस्वती की प्रतिमा आकर्षित करती है। सीकरी के म्यूजियम में वर्ष 1976 व 1999-2000 में हुए उत्खनन में प्राप्त मूर्तियां, पुरावशेष, मुगल सैनिक की तलवारें आदि प्रदर्शित हैं।
यहां वीर छबीली टीले से प्राप्त देवी सरस्वती, यक्षी अंबिका, प्रथम जैन तीर्थंकर आदिनाथ, तृतीय जैन तीर्थंकर संभवनाथ की कई मुद्राओं में प्रतिमाएं हैं। इसके अलावा रसूलपुर, हाडा महल के पास उत्खनन में मिले धूसर मृदभांड, गैरिक मृदभांड और कुषाण काल के मृदभांड, लोहे की कुल्हाड़ी, तांबे की घंटी, कटोरा आदि प्रदर्शित हैं।
एएसआई आगरा सर्किल के अधीक्षण पुरातत्वविद डॉ. राजकुमार पटेल ने बताया कि फतेहपुर सीकरी के म्यूजियम में कुछ बदलाव किए गए हैं। साज-सज्जा के बाद अब इसे फिर से खोला गया है। शुक्रवार को बंद रहेगा। इसके सामने टकसाल में इंटरप्रिटेशन सेंटर का निर्माण अंतिम चरण में है। इसे भी जल्द शुरू कर दिया जाएगा।
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