Wednesday, January 8, 2025
Home Agra Murderer And Drug Smuggler Were Granted Bail With Forged Documents In Agra – फर्जी दस्तावेज से चकमा: फोटो किसी का, तो नाम किसी और का, हत्यारोपी और महिला की करा दी जमानत, इस तरह खुला राज

Murderer And Drug Smuggler Were Granted Bail With Forged Documents In Agra – फर्जी दस्तावेज से चकमा: फोटो किसी का, तो नाम किसी और का, हत्यारोपी और महिला की करा दी जमानत, इस तरह खुला राज

by amitsagar
0 comment

[ad_1]

एसपी सिटी विकास कुमार

एसपी सिटी विकास कुमार
– फोटो : अमर उजाला

ख़बर सुनें

आगरा में फर्जी दस्तावेज से एक हत्यारोपी और नशे के पदार्थ की तस्करी करने वाली महिला की जमानत करा दी गई। आरोपी कोर्ट में पेश नहीं हुए। जमानतदार के घर पर पुलिस पहुंची। तब मामला खुल गया। मामले में थाना न्यू आगरा में धोखाधड़ी, कूटरचित दस्तावेज तैयार करने सहित अन्य धारा में दो मुकदमे दर्ज किए गए हैं। इनमें हत्यारोपी, महिला और दो अधिवक्ताओं को भी नामजद किया गया है। कागजात पर फोटो किसी और का तो नाम किसी और का होता है। हस्ताक्षर तक फर्जी कर दिए जाते हैं। 

एसपी सिटी विकास कुमार ने बताया कि एक मामले के अनुसार, एटा के थाना सकरौली स्थित नीमखेड़ा निवासी प्रमोद बघेल अपराधी है। वर्ष 2009 में थाना सदर में उसके खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज हुआ। आरोपी की जमानत पूर्व में धुवई, शीतलवारा, थाना हसायन, हाथरस के हर प्रसाद और राजपाल ने ली। जमानत निरस्त हो गई। एक साल पहले जमानत के लिए फर्जी कागजात लगाए गए। कागजात अधिवक्ता राकेश सिंह ने कोर्ट में पेश किए थे। 

अलीगढ़ के इगलास निवासी किसान कुलदीप का वोटर कार्ड लगाया गया, जिसमें उस पर फर्जी फोटो लगाई। जमानत प्रार्थना पत्र पर हस्ताक्षर भी किए गए। कुलदीप के छोटे भाई मूलचंद्र की अंगूठा निशानी ली गई थी, जबकि वो पढ़े लिखे हैं। हस्ताक्षर भी बनाना जानते हैं। इससे बदमाश की जमानत हो गई। यह सब पुलिस की जांच में सामने आया। दूसरे मामले के अनुसार, पचोखरा निवासी कालीचरण के नाम से एनडीपीएस एक्ट में जेल गई माया देवी की जमानत कराई गई। वह पूर्वी दिल्ली के हिम्मतपुरी की रहने वाली है। जमानत के कागजात अधिवक्ता सैय्यद इरशाद अली ने कोर्ट में पेश किए थे। 

पुलिस वारंट घर लेकर पहुंची तो उड़े किसान भाइयों के होश

मूलचंद्र और उनके भाई कुलदीप तोछीगढ़, इगलास, अलीगढ़ के रहने वाले हैं। मूलचंद्र ने थाना न्यू आगरा में एटा निवासी प्रमोद बघेल और दीवानी के अधिवक्ता राकेश सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया हैं। उन्होंने पुलिस अधिकारियों को बताया कि दोनों भाई किसान हैं। उनके घर पर थाना सदर बाजार की पुलिस पहुंची थी। पुलिस ने बताया कि दोनों भाइयों के खिलाफ एडीजे प्रथम के न्यायालय से वारंट जारी हुए हैं। उन्होंने हत्या के अभियुक्त की जमानत ली है। इस  संबंध में मुकदमा थाना सदर में दर्ज हुआ था। मगर, दोनों भाइयों को जमानत के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। वह कभी दीवानी नहीं आए थे। वह घबरा गए। उन्होंने किसी की जमानत नहीं ली थी। इस पर कोर्ट आकर जानकारी ली। पुलिस के पहुंचने की वजह से दोनों भाइयों की आम शोहरत भी खराब हो गई।

सत्यापन के लिए थाने तक नहीं भेजते कागजात

एसपी सिटी विकास कुमार ने बताया कि जमानत प्रपत्र लगाने पर जमानत होती है तो जमानतदार का सत्यापन कराया जाता है। इसके लिए कागजात जमानतदार के निवासी वाले थाने में पहुंचे। पुलिस सत्यापन के बाद अपनी रिपोर्ट देती है। मगर, फर्जी कागजात पर जमानत कराने वाले गैंग ने इसका भी तोड़ निकाल लिया है। कई मामले ऐसे भ्ीा पता चले हैं, जिनमें फर्जी दस्तावेज तैयार करने के साथ प्रपत्र को बिना कहीं भेजे थाने की मुहर और थाना पुलिस के हस्ताक्षर बना देते हैं। उसे कोर्ट में लगा दिया जाता है। जेल से आरोपी की जमानत हो जाती है। इस तरह की कई शिकायत पुलिस के पास पहुंच गई हैं। इनकी जांच की जा रही है।

ये भी पढ़ें – Agra: एसटीएफ ने डिजीटेक्स एजेंसी के भुगतान बिल किए जब्त, रविवार को आगरा विश्वविद्यालय पहुंची टीम
 

बदमाशों को हो रहा लाभ

फर्जी जमानतदार पेश करने वाले गैंग ने बदमाशों को लाभ मिल रहा है। वह जेल से बाहर जाते हैं। इसके बाद कोर्ट में पेश नहीं होते हैं। पुलिस उसे पेश कराने के लिए जमानतदार का पता करती है तो वो भी नहीं मिलते हैं। ऐसे में पुलिस तलाश में भटकती रहती है। पुलिस अब यह भी पता कर रही है कि जमानत के दौरान किनको जमानतदार के रूप में कोर्ट में पेश किया जाता था।

विस्तार

आगरा में फर्जी दस्तावेज से एक हत्यारोपी और नशे के पदार्थ की तस्करी करने वाली महिला की जमानत करा दी गई। आरोपी कोर्ट में पेश नहीं हुए। जमानतदार के घर पर पुलिस पहुंची। तब मामला खुल गया। मामले में थाना न्यू आगरा में धोखाधड़ी, कूटरचित दस्तावेज तैयार करने सहित अन्य धारा में दो मुकदमे दर्ज किए गए हैं। इनमें हत्यारोपी, महिला और दो अधिवक्ताओं को भी नामजद किया गया है। कागजात पर फोटो किसी और का तो नाम किसी और का होता है। हस्ताक्षर तक फर्जी कर दिए जाते हैं। 

एसपी सिटी विकास कुमार ने बताया कि एक मामले के अनुसार, एटा के थाना सकरौली स्थित नीमखेड़ा निवासी प्रमोद बघेल अपराधी है। वर्ष 2009 में थाना सदर में उसके खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज हुआ। आरोपी की जमानत पूर्व में धुवई, शीतलवारा, थाना हसायन, हाथरस के हर प्रसाद और राजपाल ने ली। जमानत निरस्त हो गई। एक साल पहले जमानत के लिए फर्जी कागजात लगाए गए। कागजात अधिवक्ता राकेश सिंह ने कोर्ट में पेश किए थे। 

अलीगढ़ के इगलास निवासी किसान कुलदीप का वोटर कार्ड लगाया गया, जिसमें उस पर फर्जी फोटो लगाई। जमानत प्रार्थना पत्र पर हस्ताक्षर भी किए गए। कुलदीप के छोटे भाई मूलचंद्र की अंगूठा निशानी ली गई थी, जबकि वो पढ़े लिखे हैं। हस्ताक्षर भी बनाना जानते हैं। इससे बदमाश की जमानत हो गई। यह सब पुलिस की जांच में सामने आया। दूसरे मामले के अनुसार, पचोखरा निवासी कालीचरण के नाम से एनडीपीएस एक्ट में जेल गई माया देवी की जमानत कराई गई। वह पूर्वी दिल्ली के हिम्मतपुरी की रहने वाली है। जमानत के कागजात अधिवक्ता सैय्यद इरशाद अली ने कोर्ट में पेश किए थे। 

पुलिस वारंट घर लेकर पहुंची तो उड़े किसान भाइयों के होश

मूलचंद्र और उनके भाई कुलदीप तोछीगढ़, इगलास, अलीगढ़ के रहने वाले हैं। मूलचंद्र ने थाना न्यू आगरा में एटा निवासी प्रमोद बघेल और दीवानी के अधिवक्ता राकेश सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया हैं। उन्होंने पुलिस अधिकारियों को बताया कि दोनों भाई किसान हैं। उनके घर पर थाना सदर बाजार की पुलिस पहुंची थी। पुलिस ने बताया कि दोनों भाइयों के खिलाफ एडीजे प्रथम के न्यायालय से वारंट जारी हुए हैं। उन्होंने हत्या के अभियुक्त की जमानत ली है। इस  संबंध में मुकदमा थाना सदर में दर्ज हुआ था। मगर, दोनों भाइयों को जमानत के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। वह कभी दीवानी नहीं आए थे। वह घबरा गए। उन्होंने किसी की जमानत नहीं ली थी। इस पर कोर्ट आकर जानकारी ली। पुलिस के पहुंचने की वजह से दोनों भाइयों की आम शोहरत भी खराब हो गई।

सत्यापन के लिए थाने तक नहीं भेजते कागजात

एसपी सिटी विकास कुमार ने बताया कि जमानत प्रपत्र लगाने पर जमानत होती है तो जमानतदार का सत्यापन कराया जाता है। इसके लिए कागजात जमानतदार के निवासी वाले थाने में पहुंचे। पुलिस सत्यापन के बाद अपनी रिपोर्ट देती है। मगर, फर्जी कागजात पर जमानत कराने वाले गैंग ने इसका भी तोड़ निकाल लिया है। कई मामले ऐसे भ्ीा पता चले हैं, जिनमें फर्जी दस्तावेज तैयार करने के साथ प्रपत्र को बिना कहीं भेजे थाने की मुहर और थाना पुलिस के हस्ताक्षर बना देते हैं। उसे कोर्ट में लगा दिया जाता है। जेल से आरोपी की जमानत हो जाती है। इस तरह की कई शिकायत पुलिस के पास पहुंच गई हैं। इनकी जांच की जा रही है।

ये भी पढ़ें – Agra: एसटीएफ ने डिजीटेक्स एजेंसी के भुगतान बिल किए जब्त, रविवार को आगरा विश्वविद्यालय पहुंची टीम

 

बदमाशों को हो रहा लाभ

फर्जी जमानतदार पेश करने वाले गैंग ने बदमाशों को लाभ मिल रहा है। वह जेल से बाहर जाते हैं। इसके बाद कोर्ट में पेश नहीं होते हैं। पुलिस उसे पेश कराने के लिए जमानतदार का पता करती है तो वो भी नहीं मिलते हैं। ऐसे में पुलिस तलाश में भटकती रहती है। पुलिस अब यह भी पता कर रही है कि जमानत के दौरान किनको जमानतदार के रूप में कोर्ट में पेश किया जाता था।



[ad_2]

Source link

You may also like

Leave a Comment

About Us

We're a media company. We promise to tell you what's new in the parts of modern life that matter. Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit. Ut elit tellus, luctus nec ullamcorper mattis, pulvinar dapibus leo. Sed consequat, leo eget bibendum sodales, augue velit.

Facebook Twitter Youtube Linkedin Instagram

Fear for many online retailers as shoppers hit by trio of rising living costs

Recent Articles

Fear for many online retailers as shoppers hit by trio of rising living costs Daily horoscope: Your star sign reading, astrology and zodiac forecast Theory: Tom Holland’s Peter Parker replaced by Miles Morales in next trilogy

Featured

Latest box office bomb ‘will lose $100 million’ amid ongoing pandemic England vs South Africa free live stream: Watch Autumn Nations Series online White House plan aims to protect science from politics with new approach @2022 - All Right Reserved. Designed and Developed by PenciDesign