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आगरा नगर निगम
– फोटो : अमर उजाला
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आगरा नगर निगम चुनाव में वार्डों के आरक्षण की एक सूची सोशल मीडिया पर शुक्रवार की रात वायरल हो गई। इसे देखते ही पार्षदों और चुनाव के दावेदारों की धड़कनें बढ़ गईं। दावेदारों ने प्रशासन और नगर निगम अधिकारियों को फोन कर पूछताछ की। यह सूची असली है या फर्जी, यह जानने की कोशिश करते रहे। हालांकि प्रशासन ने इस सूची के असली होने की पुष्टि नहीं की। निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी और एडीएम वित्त यशवर्धन श्रीवास्तव का कहना है कि उन्हें लीक आरक्षण सूची की जानकारी नहीं है।
नगर निगम चुनाव के लिए प्रशासन को वार्डों के आरक्षण की सूची लखनऊ भेजने थी। शुक्रवार की रात सोशल मीडिया पर चार पेज की आरक्षण सूची जारी हुई तो नगर निगम पार्षद का चुनाव लड़ने के इच्छुक दावेदार परेशान हो गए। कोई सीट महिला तो कोई अनुसूचित जाति के लिए रिजर्व हो गई, जबकि वह एक साल से चुनाव की तैयारियों में जुटे थे। देर रात तक शहर के 100 पार्षद और हर वार्ड के दावेदारों के माथे पर चिंता की लकीरें बनी रहीं। हालांकि प्रशासन और नगर निगम अधिकारियों ने इस सूची की पुष्टि नहीं की है।
वायरल सूची में कई गड़बड़ियां
वार्ड आरक्षण की जो सूची सोशल मीडिया पर वायरल की गई, उसमें वार्ड नंबर एक में 87 प्रतिशत से ज्यादा अनुसूचित जाति के वोटर हैं, पर इसे प्रस्तावित आरक्षण में अनारक्षित किया गया है। इसी तरह गुम्मट तख्त पहलवान वार्ड नंबर 2 में भी 77.68 प्रतिशत अनुसूचित जाति के मतदाता हैं, लेकिन इसे भी अनारक्षित किया गया है। यह दोनों सीटों पर वर्तमान में अनुसूचित जाति महिला का आरक्षण है।
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