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मथुरा में श्रीधाम एक्सप्रेस में 10 साल पहले पुलिस अभिरक्षा में हुई मोहित भारद्वाज और सिपाही फैज मोहम्मद की हत्या के मामले में आरोपी गैंगस्टर हरेंद्र राणा सहित चार आरोपी कोर्ट से बरी हो गए। इससे पुलिस की विवेचना पर सवाल उठ रहे हैं। ट्रेन में सिपाहियों के सामने हुए हत्याकांड में भी पुलिस ठोस साक्ष्य नहीं जुटा सकी। मोहित की हत्या के बाद भी परिवार दहशत में आ गया था। उन्होंने पुलिस कार्रवाई पर सवाल उठाए थे। कुछ समय बाद ही अपने भैरो नाला स्थित घर से पलायन कर गया था। अब परिवार कहां है। यह किसी को भी पता नहीं है।
आगरा के बेलनगंज स्थित भैरो नाला निवासी मोहित भारद्वाज की मां इंदू, पत्नी मिनी घर में रहते थे। मोहित समाजवादी पार्टी की नेता शम्मी कोहली की हत्या में आरोपी था। उसने कोर्ट में समर्पण किया था। वह 10 अप्रैल 2012 से जेल में बंद था। 01 अक्तूबर 2012 को उसे पुलिस एक मामले में दिल्ली लेकर गई थी।
दिल्ली से लौटते समय श्रीधाम एक्सप्रेस में मोहित भारद्वाज और सिपाही फैज मोहम्मद की हत्या हुई थी। मोहित को कोच के अंदर घुसकर गोलियां मारी गई थीं, जबकि सिपाही फैज मोहम्मद का शव दूसरे दिन रेलवे लाइन पर पड़ा मिला था। दो सिपाही घायल हो गए थे। मुकदमे की विवेचना पहले आगरा जीआरपी ने की। बाद में मथुरा जीआरपी को केस स्थानांतरित किया गया। पुलिस की विवेचना में झोल रहा। इस पर वजह से मथुरा में कोर्ट ने गैंगस्टर हरेंद्र राणा, सोनू गौतम, फिरोज खान और वीनेश उर्फ दिनेश कुमार को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया।
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