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कैंसर का कारण बन सकता है नकली दूध
डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के रसायन विज्ञान विभाग के प्रो. अजय तनेजा ने बताया कि केमिकल मिलाकर तैयार किया गया नकली दूध स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक है। शरीर के अंदर जाने पर यह कैंसर का कारण बन सकता है। यह पाचनतंत्र को भी खराब कर देता है। उसका असर पूरे शरीर पर पड़ता है। इसके लगातार सेवन से किडनी भी खराब हो सकती है।
ऐसे पहचानें
प्रो. अजय तनेजा ने बताया कि सिंथेटिक व केमिकल मिले दूध की घर पर भी पहचान की जा सकती है। केमिकल मिलाकर जो नकली दूध तैयार किया जाता है, उसका स्वाद खराब हो जाता है। दूध पीते समय स्वाद खराब लगे तो उसका इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। इसकी लैब में भी जांच कराई जा सकती है। केमिकल मिला दूध गरम करने पर पीला हो जाता है। दूध को हाथ में लेकर रगड़ने पर साबुन की तरह लगता है।
लंपी का उठाया फायदा
केमिकल से नकली दूध बनाने वालों ने लंपी वायरस के कारण दूध की आपूर्ति कम होने का फायदा उठाया। इन दिनों लंपी पीड़ित गायों का दूध नहीं लिया जा रहा है। शहर में देसी घी और मक्खन की आपूर्ति कम हुई है, लेकिन एक हजार से ज्यादा शादियों और अन्य धार्मिक आयोजन होने के बाद भी दूध की किल्लत नहीं है। लंपी के कारण दूध की जो 20 से 30 फीसदी तक आवक घटी, उसे केमिकल से नकली दूध बनाकर पूरा किया जा रहा है।
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