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मानसिक स्वास्थ्य संस्थान एवं चिकित्सालय
– फोटो : अमर उजाला
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आगरा के मानसिक स्वास्थ्य संस्थान में संविदा पर कार्यरत चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी ने मंगलवार को आत्महत्या का प्रयास किया। रात ड्यूटी के बाद वह सुबह घर पहुंचा और फंदे से लटक गया। घरवालों और साथ कर्मचारियों ने उसे बचाया। अब दिल्ली गेट स्थित पुष्पांजलि हॉस्पिटल में वेंटीलेटर पर है।
ये है मामला
चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी जितेंद्र सिंह चौहान संस्थान में अटेंडेंट के पद कार्यरत है। करीब 15 वर्षों से सेवाएं दे रहा है। उसके पिता महेंद्र पाल सिंह भी संस्थान में ही स्थायी कर्मचारी हैं। उन्होंने बताया कि बेटा संस्थान में ही बने क्वार्टर में रहता है। उसके साथ पत्नी और दो बच्चे भी रहते हैं। नाइट ड्यूटी करके वह सुबह 7 बजे लौटा और फंदे से लटक गया। घरवालों ने देखा और शोर मचा दिया। साथ में रहने वाले और भी कर्मचारी आ गए। जितेंद्र को उतारकर अस्पताल पहुंचा।
चार माह से नहीं मिला वेतन
पिता ने बताया कि जितेंद्र को चार माह से वेतन नहीं मिल रहा है। इससे परिवार में भी विवाद खड़ा हो रहा था। संस्थान में करीब 150 लोगों का स्टाफ है। कुछ का तीन माह से और कुछ का चार माह से वेतन नहीं मिला है। संस्थान के निदेशक डॉ. ज्ञानेंद्र कुमार ने बताया कि जितेंद्र का मामला जानकारी में आया है। वेतन के लिए बजट शासन स्तर से जारी होता है। बजट प्राप्त होते ही वितरित किया जाता है।
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