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AQI (air pollution mathura)
– फोटो : istock
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उत्तर प्रदेश के मथुरा में दिवाली पर जमकर आतिशबाजी हुई। आकाश रंगीन रोशनी में नहा उठा। इसका असर दो दिन बाद देखने को मिल रहा है। दिवाली पर यानी रविवार को एक्यूआई (एयर क्वालिटी इंडेक्स) 60 मापा गया था। सोमवार को इसमें बढ़ोतरी हुई और स्तर दोगुना होकर 120 पहुंच गया। तीसरे दिन मंगलवार को दोपहर एक बजे 180 पहुंच गया। दिनभर धुंध छाई रही। धुंध की ओट को चीर सूरज भी अपनी किरणों को पूरी तरह से नहीं बिखेर सका और शाम पांच बजे अंधेरा छा गया।
मौसम विभाग की सीपीसीबी की वेबसाइट पर अंकित पिछले कई वर्षों के डाटा इस बात की तस्दीक कर रहे हैं कि दिवाली के बाद मथुरा की हवा बेहद खराब हो जाती है। 2021 में तो स्थिति यह रही कि चार नवंबर यानी दिवाली वाले दिन एक्यूआई 330 पहुंच गया।
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इसके बाद लगातार इसमें बढ़ोतरी हुई और पांच नवंबर को 448, छह नवंबर को 424, सात को 435 और आठ नवंबर को 475 एक्यूआई पहुंच गया था। इस बार भी स्थिति धीरे-धीरे उसी ओर जा रही है, अगर स्थिति संभालने के लिए जिला प्रशासन की ओर से कोई कदम नहीं उठाया गया तो प्रदूषित हवा लोगों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर डाल सकती है।
2022 में भी तेजी से बढ़ा था ग्राफ
दिवाली पर आतिशबाजी के कारण बीते साल भी तेजी से ग्राफ बढ़ा था। बीते साल 24 अक्तूबर को दिवाली थी। इस दिन 111 एक्यूआई मापा गया था। 28 अक्तूबर तक इसका ग्राफ 150 के पार पहुंच गया था।
बीते दिनों प्रशासन के आदेश पर अग्निशमन विभाग ने दमकल वाहनों से पानी की बौछार की थी। इसके बाद बारिश आ गई। इससे गुणवत्ता में सुधार हुआ था। अब प्रशासन का आदेश मिलेगा तो फिर से पानी की बौछार कराएंगे। – नरेंद्र प्रताप सिंह, सीएफओ
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