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मासूम के परिवारीजन
– फोटो : अमर उजाला
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मथुरा में यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे पहुंच गया है। रविवार शाम प्रयागघाट पर यमुना 165.89 मीटर के निशान पर बह रही है। यमुना का यह स्तर खतरे के निशान से 11 सेंटीमीटर नीचे हैं। इसके बाद भी बाढ़ का खतरा अभी खत्म नहीं हुआ है। वहीं इस खतरे के बीच बाढ़ राहत केन्द्र में चार माह के मासूम मौत की खबर ने सभी को हैरान कर दिया। बच्चे की मौत से परिवार के लोगों में कोहराम मचा हुआ है।
करीब एक सप्ताह पूर्व यमुना का जलस्तर बढ़ने से यमुना के खादर में बसी कालोनियां जलमग्न हो गईं। बाढ़ की विभीषिका से बचने के लिए इन कालोनियों के निवासी प्रशासन द्वारा स्थापित बाढ़ राहत शिविरों एवं अन्य सुरक्षित स्थानों पर पहुंच गए। अब यमुना का जलस्तर भले ही कम हो गया हो, लेकिन खादर की कालोनियां अभी भी बाढ़ की चपेट में होने के चलते वहां के निवासी अभी भी बाढ़ राहत शिविरों में ही रहने को मजबूर हैं।
ऐसा ही एक पीड़ित मोहिनी नगर पानीघाट निवासी धीरज अपनी पत्नी संजू और दो वर्षीय बेटी व चार माह के पुत्र के साथ हजारीमल सोमानी नगर निगम इंटर कॉलेज स्थित बाढ़ राहत शिविर में रह रहा था। शनिवार को चार माह के बच्चे को अचानक पल्टी-दस्त होने पर परिजनों ने शिविर में ही मौजूद स्वास्थ्य विभाग की टीम से उसका इलाज कराया।
रविवार को बच्चे की तबियत ज्यादा बिगड़ने पर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने उसे जिला संयुक्त चिकित्सालय और वहां से आगरा रैफर कर दिया। परिजन उस मासूम को लेकर आगरा तो पहुंच गए, लेकिन अस्पताल पहुंचने से पूर्व ही मासूम ने दम तोड़ दिया। वहीं परिवार का चिराग बुझ जाने से परिजनों में कोहराम मच गया और मां का रो-रोकर बुरा हाल हो गया।
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