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कोर्ट
– फोटो : साेशल मीडिया
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तीर्थनगरी मथुरा के कोर्ट में कैबिनेट मंत्री लक्ष्मीनारायण चौधरी के छोटे भाई और पूर्व एमएलसी लेखराज चौधरी के समधी पूर्व प्रधान सरमन सिंह की हत्या के मामले में सुनवाई हुई। छह वर्ष पहले गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। मामले में शुक्रवार शाम एडीजे-8 नितिन पांडेय की अदालत से फैसला आया।
तीन आरोपियों को दोषी करार देते हुए उम्रकैद दी सजा सुनाई है। साथ ही पांच-पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। तीन आरोपियों को साक्ष्यों के अभाव में बरी कर दिया गया है। इस वारदात की साजिश जेल से रचने वाले कर्मवीर की दौरान-ए-ट्रायल हत्या हो चुकी है।
कुल सात आरोपी थे, तीन हो गए बरी
अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता अशोक कुमार सिंह, वादी के अधिवक्ता नंदकिशोर उपमन्यु ने बताया कि 13 जनवरी 2018 की शाम आगरा-दिल्ली हाईवे पर दौताना मोड़ के पास बाइक सवार बदमाशों ने पूर्व प्रधान चौधरी सरमन सिंह (63) पुत्र सुखीराम निवासी गौंहारी, छाता की गोली मारकर हत्या कर दी थी। मृतक के बेटे देवेंद्र की ओर से तीन नामजद सतीराम पुत्र रेखपाल निवासी कैलाश नगर, पलवल एवं मूल निवासी गौंहारी, छाता व उसके परिवार के प्रदीप और धर्मवीर सहित दो अज्ञातों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था।
पुलिस जांच में सामने आया था कि पुरानी रंजिश में 10 लाख रुपये की सुपारी देकर यह हत्या कराई गई। कर्मवीर पुत्र प्रहलाद निवासी कैलाश नगर, पलवल एवं मूल निवासी गौंहारी, छाता ने अशोक पुत्र अभय सिंह निवासी रांधेरा, शेरगढ़ से दस लाख रुपये में सौदा तय किया।
50 हजार रुपये एडवांस के तौर पर अशोक को दिए गए। इसके बाद कर्मवीर खुद जेल चला गया। राधाचरण निवासी कैलाश नगर, पलवल एवं मूल निवासी गौंहारी, छाता, उसके बेटे धर्मवीर और प्रदीप व अन्य ने बाहर रहते हुए हत्या को अंजाम दिया। कुल सात आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की।
पांच-पांच हजार का जुर्माना भी लगाया
बता दें कि 17 अगस्त को पेशी के दौरान छाता तहसील गेट के बाहर आरोपी कर्मवीर पर जानलेवा हमला हुआ। उसकी उपचार के दौरान जयपुर के अस्पताल में मौत हो गई थी। छह आरोपी राधाचरण, उसके बेटे अशोक और प्रदीप, सतीराम, मनोज और धर्मवीर पर ट्रायल चला। कोर्ट ने सतीराम, प्रदीप और धर्मवीर को साक्ष्यों के आधार पर हत्या का दोषी पाते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है। साथ ही पांच-पांच हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
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