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बिहारीजी कॉरिडोर के लिए पैमाइश करती टीम
– फोटो : अमर उजाला
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वृंदावन में श्रीबांकेबिहारी मंदिर के लिए प्रस्तावित कॉरिडोर क्षेत्र की संपत्तियों का मूल्यांकन करीब 200 करोड़ के आसपास पहुंच रहा है। यह मूल्यांकन कॉरिडोर से जुडे़ पांच एकड़ क्षेत्र में शामिल 323 भवनों के आकलन के आधार पर किया गया है, जिसकी रिपोर्ट एक-दो दिन में नगर आयुक्त अनुनय झा की अध्यक्षता वाली कमेटी जिलाधिकारी पुलकित खरे को सौंप देगी।
प्रशासनिक अधिकारियों के मुताबिक छह दिन से श्रीबांकेबिहारी मंदिर से जुडे़ क्षेत्र में प्रस्तावित कॉरिडोर को लेकर नगर निगम, पीडब्ल्यूडी और राजस्व कर्मियों की टीम भवनों के चिन्हांकन में जुटी है। यह प्रक्रिया रविवार को भी जारी रही। इसके तहत प्रस्तावित बिहारीजी कॉरिडोर में 323 भवन चिन्हित किए गए हैं, जो योजना अमल में आने पर कॉरिडोर का हिस्सा बन सकेंगे। इसमें आवासीय और कॉमर्शियल भवन भी शामिल हैं। इन भवनों पर लाल निशान लगाने के बाद स्टांप और पीडब्ल्यूडी अधिकारियों ने उपरोक्त संपत्ति का मूल्यांकन शुरू कर दिया है। इस प्रक्रिया में करीब 200 से 220 करोड़ रुपये का आकलन संपत्ति मूल्य के रूप में अब तक सामने आया है।
प्रस्तावित कॉरिडोर क्षेत्र के चिन्हांकन और मूल्यांकन समिति के अध्यक्ष नगर आयुक्त अनुनय झा का कहना है कि सर्वे पूर्ण हो गया है। अब चिन्हित संपत्ति के मूल्यांकन की प्रक्रिया को अंतिम रूप दिया जा रहा है। इसे एक दो दिन के दौरान अंतिम रूप देते हुए रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी जाएगी, जिसे 17 जनवरी को कोर्ट में प्रस्तुत किया जाना है।
मूल्यांकन का आधार
श्रीबांकेबिहारी मंदिर क्षेत्र में कमर्शियल भवनों की दरें 60 से 70 हजार रुपये प्रति वर्गमीटर हैं जबकि आवासीय भवनों की यह दरें 16 हजार रुपये वर्गमीटर तक हैं। इन्हीं दरों के आधार पर जमीन की कीमत तय की जा रही है। 9000 रुपये प्रति वर्गमीटर निर्माण का खर्च इसमें शामिल करते हुए संपत्ति का मूल्यांकन हो रहा है।
आम सहमति से तय होगा
भूमि-भवन के अधिग्रहण में केंद्रीय एक्ट के मुताबिक शहरी क्षेत्र में सर्किल रेट के दोगुने मुआवजे का प्रावधान है। ग्रामीण अंचल में यह सर्किल रेट का चार गुना देय है। इसके बावजूद मुआवजे की दर आपसी सहमति से ही तय की जाती है।
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