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हाईवे थाना क्षेत्र के जुनसुटी गांव निवासी मोरध्वज उर्फ बबलू (33) घर में पत्नी और दो बच्चों के साथ रहता था। अन्य परिजन पंजाब में काम-काज के लिए रहते हैं। 28 दिसंबर की शाम चौकी सतोहा के पुलिसकर्मी मोरध्वज को घर से उठा लाए। आरोप था कि उसने पड़ोस में रहने वाली चाची राजो पत्नी प्रेमचंद्र के घर से हैंडपंप चुराया है।
पुलिस ने उसे शांतिभंग में गिरफ्तार कर लिया। गुरुवार की देर शाम उसका शव शहर कोतवाली के मंडी चौराहा स्थित देवेंद्र हॉस्पिटल के सामने पड़ा मिला। इसकी सूचना पुलिस ने परिजनों को दी। परिजन शुक्रवार को पोस्टमॉर्टम गृह पहुंचे। परिजन का आरोप है कि एक प्रधान ने पुलिस से मिलकर मोरध्वज की हत्या कराई है।
परिजनों के सवालों के जवाब नहीं दे पाई पुलिस
पुलिस का कहना है कि गुरुवार की शाम एसडीएम न्यायालय से बबलू की जमानत हुई थी। इसके बाद घर जाते समय टेंपो से हुए हादसे में उसकी मौत हो गई। परिजनों का सवाल है कि एसडीएम न्यायालय से किन लोगों ने उसकी जमानत कराई। जिस टेंपो से हादसा हुआ क्या उसमें वह अकेला सवार था। टेंपो को किस वाहन ने टक्कर मारी ? इसका जवाब पुलिस नहीं दे पा रही है। पोस्टमॉर्टम गृह पर शुक्रवार को परिजन पुलिस के रवैये को लेकर आक्रोशित नजर आए।
शांति भंग में किया था चालान
थाना हाईवे के प्रभारी निरीक्षक छोटेलाल का कहना है कि चाची राजो मोरध्वज को चोरी के मामले में जेल भिजवाना चाहती थी। हमने उसे केवल शांति भंग के मामले में एसडीएम कोर्ट में पेश किया। उसकी जमानत लेने के कोई तैयार नहीं हुआ तो निजी मुचलके पर न्यायालय से रिहा कर दिया गया।
वहां से एक होमगार्ड कर्मी उसके साथ नरहौली चौराहे तक आया। बाद में युवक टेंपो में बैठ गया और मंडी चौराहे के पास ट्रैक्टर-ट्रॉली ने टक्कर मार दी। इससे ड्राइवर के बराबर बैठा युवक गिर गया और घायल हो गया। चौराहे पर खड़े पुलिसकर्मी ने उसे टेंपो से अस्पताल भिजवाया, जहां उसकी मौत हो गई। टेंपो चालक मौके से भाग गया। उसकी तलाश कराई जा रही है।
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