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रोपवे
– फोटो : amar ujala
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मथुरा के बरसाना में रोपवे से श्रीजी के दर्शन की इंतजार की घड़ियां खत्म होने वाली है। ब्रह्मांचल पर्वत पर विराजमान राधारानी के दर्शन के लिए भक्तों को 251 सीढि़यां नहीं चढ़नी पड़ेगी। राधारानी के अगले जन्मोत्सव यानी राधाष्टमी पर रोपवे की सुविधा शुरू होने की पूरी उम्मीद है। इसके लिए चीन से अधिकांश सामान बरसाना पहुंच चुका है। इसमें तीन ट्रॉली और मशीन भी शामिल है। इसी माह के अंत में रोपवे बनाने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
पिछले एक दशक से ब्रजवासी राधारानी के दर्शनों के लिए रोपवे की प्रस्तावित योजना के क्रियान्वयन का इंतजार कर रहे हैं। कभी जमीन का मामला आड़े आया तो कभी पेड़ काटने की अनुमति ने प्रोजेक्ट को रोक दिया। विभिन्न प्रक्रियाएं पूरी करने के बाद संबंधित कंपनी ने काम पूरा कर लिया, लेकिन पिछले साल चीन में कोविड के बढ़ते प्रकोप ने फिर से रोपवे प्रोजेक्ट के कदम रोक दिए। पिछले एक साल से रोपवे के लिए संबंधित उपकरणों के आने का इंतजार किया जा रहा था। अब करीब 90 प्रतिशत उपकरण बरसाना पहुंच चुके हैं। इसमें तीन ट्रॉली, मशीन आदि शामिल है, लेकिन कंट्रोल पैनल, वायर-रोप, तीन ट्रॉली आना अभी और बाकी है। संभावना जताई जा रही है मौैजूदा उपकरणों के आधार पर जल्द ही काम शुरू कर दिया जाएगा।
संभावना यह भी जताई जा रही है कि इस बार राधाष्टमी (सितंबर) तक रोपवे काम करने लगेगा। इस खास पर्व पर राधारानी के भक्त उड़न खटोले में बैठकर ब्रह्मांचल पर्वत पर विराजमान राधारानी के दर्शन कर सकेंगे। अधिशासी अभियंता कौशलेंद्र चौधरी ने बताया कि चीन में लॉकडाउन के चलते संबंधित उपकरण आने में देरी हुई है। अब जल्द ही काम शुरू हो जाएगा। यह प्रोजेक्ट मथुरा-वृंदावन विकास प्राधिकरण ने पीपीपी मॉडल पर तैयार किया जा रहा है।
रोपवे की खास बातें.
– जमीनी तल से रोपवे की ऊंचाई- 30 मीटर
– रोपवे की लंबाई – 216 मीटर
– संचालित होने वाली ट्रॉली- 06
– प्रत्येक ट्रॉली में छह लोगों को बैठने की अनुमति
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