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श्रीकृष्ण जन्मस्थान प्रकरण
– फोटो : अमर उजाला
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मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मस्थान से सटी हुई मीना मस्जिद को अवैध बताकर हटाने के दावे में सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में अखिल भारत हिंदू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिनेश शर्मा ने मीना मस्जिद की अमीन रिपोर्ट मंगाने की मांग की। उन्होंने बताया कि इंतजामिया कमेटी वहां पर निर्माण कार्य कर रही है। लिहाजा पहले अमीन रिपोर्ट मंगाई जाए। जबकि मस्जिद पक्ष ने कानून का हवाला देते हुए पहले आदेश 7 नियम 11 सीपीसी की मांग की। वहीं श्रीकृष्ण जन्मस्थान ईदगाह प्रकरण संबंधी आशुतोष पांडे के वाद में भी अदालत ने दोनों पक्षों की बहस सुनी। दोनों मामलों में अदालत ने सुनवाई के बिंदु पर निर्णय के लिए 10 मार्च की तारीख तय की है।
अखिल भारत हिंदू महासभा के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष ने दावे में कहा है कि मीना मस्जिद जिस जमीन पर मौजूद वह श्रीकृष्ण जन्मस्थान की 13.37 एकड़ जमीन का ही हिस्सा है। उन्होंने अदालत को बताया कि मीना मस्जिद के प्रबंधन द्वारा वहां पर निर्माण कार्य किया जा रहा है। जिसे रोकने के लिए पहले मीना मस्जिद की अमीन रिपोर्ट मंगा ली जाए। मीना मस्जिद पक्ष के अधिवक्ता जीपी निगम ने बताया कि उन्होंने अदालत से केस में आदेश 7 नियम 11 पर बहस की मांग की है। वहीं श्रीकृष्ण जन्मस्थान ईदगाह प्रकरण में श्रीकृष्ण जन्मस्थान मुक्ति निर्माण के अध्यक्ष आशुतोष पांडे ने अदालत से ईदगाह की अमीन सर्वे किए जाने की मांग की।
बताया कि मुस्लिम पक्ष के पास कोई मालिकाना हक नहीं है तथा पिछले दिनों बिजली चोरी के मामले में भी उनके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज हो चुकी है। ईदगाह के सचिव एडवोकेट तनवीर अहमद ने पूर्व पीठासीन अधिकारी द्वारा दिए गए आदेश 7 नियम 11 सीपीसी के आदेश की जानकारी दी तथा बताया कि अदालत में पहले यह तय हो कि केस चलने योग्य है या नहीं। उन्होंने बताया कि केस में अमीन सर्वे या आदेश 7 नियम 11 सीपीसी में से किस पर बहस होगी इस पर अदालत द्वारा 10 मार्च को निर्णय दिया जाएगा।
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ठाकुर केशवदेव प्रकरण रिवीजन में टली सुनवाई
श्रीकृष्ण जन्मस्थान ईदगाह प्रकरण में सिविल जज सीनियर डिवीजन के आदेश के खिलाफ रिवीजन में जिला जज की अदालत में गए ठाकुर केशवदेव केस के पक्षकार श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्यास के अध्यक्ष एडवोकेट महेंद्र प्रताप सिंह और वरिष्ठ अधिवक्ता राजेंद्र माहेश्वरी के वाद में एडीजे षष्टम में अब 28 फरवरी को सुनवाई होगी। उन्होंने बताया कि बृहस्पतिवार को न्यायाधिकारी के मौजूद नहीं होने के कारण सुनवाई नहीं हो सकी। अदालत द्वारा सुनवाई के बिंदु पर निर्णय दिया जाएगा।
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