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मथुरा एसएसपी शैलेष कुमार पांडेय
– फोटो : ट्विटर
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उत्तर प्रदेश के मथुरा में पकड़े गए बच्चा सौदागर गिरोह के खिलाफ पांच सदस्यीय बाल कल्याण समिति ने एसआईटी जांच की मांग की है। समिति ने एसएसपी को पत्र लिखा है। उन्होंने इस गिरोह के तार बहुत लंबे होने की आशंका जाहिर की है।
बाल कल्याण समिति अध्यक्ष राजेश दीक्षित ने बताया कि आगरा के गैंग को सीडब्ल्यूसी, साइबर सेल, एएचटीयू, किशोर पुलिस शाखा ने जाल बिछाकर 11 नवंबर की रात को गिरफ्तार किया था। गैंग के धर्मेंद्र शर्मा पुत्र नत्थीलाल शर्मा निवासी गांव बांस बादाम, एत्मादपुर, श्याम पुत्र गिर्राज किशोर निवासी डी महावीर नगर, रामबाग, आगरा महिला रितू शर्मा पत्नी राकेश शर्मा निवासी वायु विहार, पथौली, आगरा को जेल भेजा गया था।
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इन तीनों द्वारा सोशल मीडिया पर बांके बिहारी जी वृंदावन के नाम से पेज बना रखा था। उस पर विज्ञापन देकर दो लाख में बेटी और चार लाख में बेटे का सौदा किया जाता था। धर्मेंद्र गैंग का सरगना है। अब तक 25 बच्चों का सौदा यह गैंग कर चुका है। गैंग जिस नवजात बच्ची को अपने साथ लेकर आया था, वह आगरा के बिचपुरी स्थित सरकारी अस्पताल में जन्मी थी।
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बच्चों को लेने में उन्होंने आशा अनीता और विमलेश का सहारा लिया था। राजेश दीक्षित के अनुसार पुलिस ने अभी तक आशा अनीता और विमलेश को गिरफ्तार नहीं किया है। इस मामले की जांच क्राइम ब्रांच या फिर एसआईटी गठित कर कराए जाने को एसएसपी को पत्र लिखा है। आशंका है कि इस गैंग के तार काफी लंबे हैं। गहन जांच होने पर कई खुलासे होंगे।
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