[ad_1]
लाल किले का मुगलकालीन नक्शा
– फोटो : अमर उजाला
ख़बर सुनें
विस्तार
आगरा के डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय में दुर्लभ साहित्य और धरोहर हैं, जिन पर कोई भी गौरवान्वित होगा। इनको आमजन तक पहुंचाने के लिए विश्वविद्यालय केमिकल क्लीनिंग कर संरक्षण करा रहा है। पृथ्वीराज रासो महाकाव्य, लाल किले के मुगलकालीन नक्शे और एक राजस्थानी ग्रंथ की केमिकल क्लीनिंग पूरी हो गई है।
कन्हैयालाल माणिक लाल मुंशी हिंदी एवं भाषा विज्ञान विद्यापीठ (केएमआई) के प्रो. प्रदीप श्रीधर ने बताया कि विश्वविद्यालय के संस्थान केएमआई के पास 1436 दुर्लभ साहित्य और धरोहर हैं। इनको संरक्षित करने का काम अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में रखे मूल श्री गुरु ग्रंथ साहिब की केमिकल क्लीनिंग करने वाली एजेंसी को दिया है। एजेंसी की तकनीकी टीम ने काम शुरू कर दिया है।
शुरुआत में नमूने के तौर पर चंदबरदाई के पृथ्वीराज रासो महाकाव्य, लाल किले के मुगलकालीन 400 साल पुराना नक्शे और 1707 की लिखित ढोला मारू री वार्ता (राजस्थानी प्रेमाख्यान काव्य) को रासायनिक लेप करते हुए संरक्षित किया है। एक प्रतिलिपि को संरक्षित करने में 5-7 दिन लगे। इस काम से संतुष्ट होने पर सभी धरोहर की केमिकल क्लीनिंग कराई जाएगी।
[ad_2]
Source link