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मरीजों को घर से मंगाने पड़े कंबल
– फोटो : अमर उजाला
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मैनपुरी जिले में सर्दी ने सोमवार को तीन साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया था। तापमान गिरकर 5.2 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया था। ऐसे में सर्दी से बचाव के लिए जिला अस्पताल स्थित सीएमएस के कमरे में तो रूम हीटर लगाया गया है, लेकिन मरीजों को कंबल तक नसीब नहीं हैं। अस्पताल में भर्ती मरीज या तो ठिठुर रहे हैं या फिर घर से रजाई और कंबल लेकर आए हैं।
महाराजा तेजसिंह जिला अस्पताल में मरीजों को उपचार तो छोड़िए जरूरी सुविधाएं भी नसीब नहीं हैं। शासन भले ही मरीजों के लिए बिस्तर, कंबल और भोजन की व्यवस्था का दावा करता है, लेकिन हकीकत इससे अलग है। अस्पताल प्रशासन की लापरवाही के चलते मरीजों को बिछाने के लिए न तो चादर मिलती है और न ही ओढ़ने के लिए कंबल। मजबूरी में मरीज रेगजीन के गद्दों पर ठिठुरते रहते हैं या फिर घर से चादर और कंबल लाने के लिए मजबूर हैं। हाड़ कंपाने वाली सर्दी में अस्पताल प्रशासन की ये कार्यशैली शर्मनाक है। मरीजों के साथ ही हो रहे इस खिलवाड़ के लिए आखिर कौन जिम्मेदार है।
मरीजों को नहीं मिलता स्ट्रेचर
जिला अस्पताल की ये कमियां तो केवल बानगी मात्र हैं। देखा जाए तो यहां हर तरफ अव्यवस्थाएं हावी हैं। हाल ये है कि गंभीर रूप से बीमार या घायल मरीजों के लिए स्ट्रेचर भी नहीं मिल पाता है। हाल ये है कि मरीजों के परिजन गोद में उठाकर मरीजों को ले जाने के लिए मजबूर हैं। अस्पताल प्रशासन सब कुछ जानकार भी इससे अंजान बना हुआ है।
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