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मैनपुरी। थाना बेवर क्षेत्र के गांव पचपुखरा में चार साल पहले घर से ले जाकर युवक की हत्या करने वाले पांच दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। उन पर 77-77 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। स्पेशल जज ईसी एक्ट पूनम राजपूत ने सजा सुनाने के बाद पांचों को हिरासत में लेकर जेल भेज दिया है।
थाना बेवर के गांव पचपुखरा निवासी रजनेश की दो अगस्त 2018 की शाम छह बजे घर से ले जाकर गांव के बाहर गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई थी। रजनेश के भाई रघुराज ने गांव के राघव उर्फ राघवेंद्र उर्फ लउआराम, नरायनपुर निवासी सौरभ उर्फ मोनू तथा प्रवेंद्र उर्फ सुंदरम, मुडई निवासी जितेंद्र लोधी और उपेंद्र कुमार के खिलाफ थाना बेवर में रिपोर्ट दर्ज करा दी। पुलिस ने जांच करके पांचों के खिलाफ चार्जशीट कोर्ट में भेज दी।
मुकदमे की सुनवाई स्पेशल जज ईसी एक्ट पूनम राजपूत की कोर्ट में हुई। अभियोजन पक्ष की ओर से वादी, विवेचक, चिकित्सक सहित गवाहों ने पांचों केे खिलाफ कोर्ट में गवाही दी। गवाही के आधार पर सभी को रजनेश की हत्या करने का दोषी पाया गया। स्पेशल जज ईसी एक्ट पूनम राजपूत आजीवन कारावास की सजा सुनाकर 77-77 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। सजा सुनाने के बाद उनको हिरासत में लेकर जेल भेज दिया गया है।
तमंचा रखने में तीन-तीन साल की सजा
रजनेश की हत्या के बाद पुलिस ने मोनू और उपेंद्र की निशानदेही पर हत्या में प्रयोग किए गए तमंचे बरामद किए थे। दोनों केे खिलाफ तमंचा रखने का मुकदमा अलग से चला। अपराध साबित होने पर स्पेशल जज ईसी एक्ट ने तमंचा रखने के आरोप में दोनों को तीन-तीन साल की सजा सुनाई है। उन पर 10-10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
मामूली विवाद के बाद हुई थी हत्या
सितंबर 2018 में रजनेश का मुडई के बाजार में राघव उर्फ लउआराम से विवाद हो गया था। राघव ने रजनेश को सबक सिखाने की धमकी दी थी। रजनेश के भाई रघुराज ने न्यायालय में बताया कि मामूली विवाद के बाद ही राघव ने अपने साथियों की मदद से रजनेश की घर से ले जाकर साथियों की मदद से गांव के बाहर हत्या कर दी।
मैनपुरी। थाना बेवर क्षेत्र के गांव पचपुखरा में चार साल पहले घर से ले जाकर युवक की हत्या करने वाले पांच दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। उन पर 77-77 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। स्पेशल जज ईसी एक्ट पूनम राजपूत ने सजा सुनाने के बाद पांचों को हिरासत में लेकर जेल भेज दिया है।
थाना बेवर के गांव पचपुखरा निवासी रजनेश की दो अगस्त 2018 की शाम छह बजे घर से ले जाकर गांव के बाहर गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई थी। रजनेश के भाई रघुराज ने गांव के राघव उर्फ राघवेंद्र उर्फ लउआराम, नरायनपुर निवासी सौरभ उर्फ मोनू तथा प्रवेंद्र उर्फ सुंदरम, मुडई निवासी जितेंद्र लोधी और उपेंद्र कुमार के खिलाफ थाना बेवर में रिपोर्ट दर्ज करा दी। पुलिस ने जांच करके पांचों के खिलाफ चार्जशीट कोर्ट में भेज दी।
मुकदमे की सुनवाई स्पेशल जज ईसी एक्ट पूनम राजपूत की कोर्ट में हुई। अभियोजन पक्ष की ओर से वादी, विवेचक, चिकित्सक सहित गवाहों ने पांचों केे खिलाफ कोर्ट में गवाही दी। गवाही के आधार पर सभी को रजनेश की हत्या करने का दोषी पाया गया। स्पेशल जज ईसी एक्ट पूनम राजपूत आजीवन कारावास की सजा सुनाकर 77-77 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। सजा सुनाने के बाद उनको हिरासत में लेकर जेल भेज दिया गया है।
तमंचा रखने में तीन-तीन साल की सजा
रजनेश की हत्या के बाद पुलिस ने मोनू और उपेंद्र की निशानदेही पर हत्या में प्रयोग किए गए तमंचे बरामद किए थे। दोनों केे खिलाफ तमंचा रखने का मुकदमा अलग से चला। अपराध साबित होने पर स्पेशल जज ईसी एक्ट ने तमंचा रखने के आरोप में दोनों को तीन-तीन साल की सजा सुनाई है। उन पर 10-10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
मामूली विवाद के बाद हुई थी हत्या
सितंबर 2018 में रजनेश का मुडई के बाजार में राघव उर्फ लउआराम से विवाद हो गया था। राघव ने रजनेश को सबक सिखाने की धमकी दी थी। रजनेश के भाई रघुराज ने न्यायालय में बताया कि मामूली विवाद के बाद ही राघव ने अपने साथियों की मदद से रजनेश की घर से ले जाकर साथियों की मदद से गांव के बाहर हत्या कर दी।
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