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मैनपुरी। लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र मैनपुरी में आजादी से लेकर अब तक हुए चुनाव की यदि बात करें तो कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (सीपीआई) के रामनाथ सबसे कम अंतर से पराजित होने वाले प्रत्याशी रहे हैं। वर्ष 1962 के चुनाव में वे मात्र 804 मतों से पराजित हुए थे। इसके बाद कभी भी मैनपुरी लोकसभा चुनाव में हार-जीत का अंतर तीन हजार से नीचे नहीं रहा।
मैनपुरी लोकसभा क्षेत्र के लिए आजादी से लेकर अब तक 19 बार चुनाव हो चुके हैं। इनमें दो बार उपचुनाव भी हुआ। वर्ष 1962 में सीपीआई प्रत्याशी रामनाथ मैनपुरी के इतिहास में सबसे कम अंतर से पराजित होने वाले प्रत्याशी रहे हैं। वर्ष 1962 में कांग्रेस ने 1957 का चुनाव हारने वाले बादशाह गुप्ता को प्रत्याशी बनाया था। सीपीआई ने रामनाथ को अपना प्रत्याशी बनाया। वर्ष 1957 के चुनाव में कांग्रेस के बादशाह गुप्ता पीएसपी के बंशीधर धनगर से 3830 मतों से पराजित हुए थे। इसके बाद जीत का अंतर कभी भी 10 हजार से कम मतों का नहीं रहा।
रामलहर में 10 हजार से ऊपर का रहा जीत हार का अंतर
वर्ष 1991 का लोकसभा चुनाव भाजपा रामलहर के बीच लड़ने के लिए मैदान में उतरी थी। लेकिन इस चुनाव में भी हार के कम अंतर का रिकार्ड नहीं टूट सका। समाजवादी जनता पार्टी से इस चुनाव में मुलायम सिंह यादव के शैक्षिक गुरु उदय प्रताप सिंह मैदान में थे। जिन्हें 126463 मत प्राप्त हुए। भाजपा ने इस चुनाव में रामनरेश अग्निहोत्री को अपना प्रत्याशी बनाया था। रामनरेश अग्निहोत्री को राम लहर में 114298 मत प्राप्त हुए। वे 12165 मतों के अंतर से चुनाव हार गए।
कम अंतर से हारने वाले मैनपुरी लोकसभा निर्वाचन के टॉप पांच प्रत्याशी
वर्ष- 1962
बादशाह गुप्ता कांग्रेस, प्राप्त मत- 52328
रामनाथ सीपीआई, प्राप्त मत- 51524
हार का अंतर- 804
——-
वर्ष 1957
बंशीधर धनगर पीएसपी, प्राप्त मत- 59902
बादशाह गुप्ता कांग्रेस, प्राप्त मत- 56072
हार का अंतर- 3830
——–
वर्ष 1998
बलराम सिंह यादव सपा, प्राप्त मत- 264734
अशोक यादव भाजपा- प्राप्त मत- 254368
हार का अंतर- 10366
——
वर्ष 1991
उदय प्रताप सिंह, समाजवादी जनता पार्टी, प्राप्त मत- 126463
रामनरेश अग्रिहोत्री, भाजपा प्राप्त मत- 114298
हार का अंतर- 12165
——–
वर्ष 1999
बलराम सिंह यादव सपा, प्राप्त मत-244113
दर्शन सिंह यादव, भाजपा, प्राप्त मत-216087
हार का अंतर- 28026
मैनपुरी। लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र मैनपुरी में आजादी से लेकर अब तक हुए चुनाव की यदि बात करें तो कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (सीपीआई) के रामनाथ सबसे कम अंतर से पराजित होने वाले प्रत्याशी रहे हैं। वर्ष 1962 के चुनाव में वे मात्र 804 मतों से पराजित हुए थे। इसके बाद कभी भी मैनपुरी लोकसभा चुनाव में हार-जीत का अंतर तीन हजार से नीचे नहीं रहा।
मैनपुरी लोकसभा क्षेत्र के लिए आजादी से लेकर अब तक 19 बार चुनाव हो चुके हैं। इनमें दो बार उपचुनाव भी हुआ। वर्ष 1962 में सीपीआई प्रत्याशी रामनाथ मैनपुरी के इतिहास में सबसे कम अंतर से पराजित होने वाले प्रत्याशी रहे हैं। वर्ष 1962 में कांग्रेस ने 1957 का चुनाव हारने वाले बादशाह गुप्ता को प्रत्याशी बनाया था। सीपीआई ने रामनाथ को अपना प्रत्याशी बनाया। वर्ष 1957 के चुनाव में कांग्रेस के बादशाह गुप्ता पीएसपी के बंशीधर धनगर से 3830 मतों से पराजित हुए थे। इसके बाद जीत का अंतर कभी भी 10 हजार से कम मतों का नहीं रहा।
रामलहर में 10 हजार से ऊपर का रहा जीत हार का अंतर
वर्ष 1991 का लोकसभा चुनाव भाजपा रामलहर के बीच लड़ने के लिए मैदान में उतरी थी। लेकिन इस चुनाव में भी हार के कम अंतर का रिकार्ड नहीं टूट सका। समाजवादी जनता पार्टी से इस चुनाव में मुलायम सिंह यादव के शैक्षिक गुरु उदय प्रताप सिंह मैदान में थे। जिन्हें 126463 मत प्राप्त हुए। भाजपा ने इस चुनाव में रामनरेश अग्निहोत्री को अपना प्रत्याशी बनाया था। रामनरेश अग्निहोत्री को राम लहर में 114298 मत प्राप्त हुए। वे 12165 मतों के अंतर से चुनाव हार गए।
कम अंतर से हारने वाले मैनपुरी लोकसभा निर्वाचन के टॉप पांच प्रत्याशी
वर्ष- 1962
बादशाह गुप्ता कांग्रेस, प्राप्त मत- 52328
रामनाथ सीपीआई, प्राप्त मत- 51524
हार का अंतर- 804
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वर्ष 1957
बंशीधर धनगर पीएसपी, प्राप्त मत- 59902
बादशाह गुप्ता कांग्रेस, प्राप्त मत- 56072
हार का अंतर- 3830
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वर्ष 1998
बलराम सिंह यादव सपा, प्राप्त मत- 264734
अशोक यादव भाजपा- प्राप्त मत- 254368
हार का अंतर- 10366
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वर्ष 1991
उदय प्रताप सिंह, समाजवादी जनता पार्टी, प्राप्त मत- 126463
रामनरेश अग्रिहोत्री, भाजपा प्राप्त मत- 114298
हार का अंतर- 12165
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वर्ष 1999
बलराम सिंह यादव सपा, प्राप्त मत-244113
दर्शन सिंह यादव, भाजपा, प्राप्त मत-216087
हार का अंतर- 28026
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