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मैनपुरी उपचुनाव 2022
– फोटो : अमर उजाला
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मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव में किसी दल के पास मुद्दों का जिक्र नहीं है। हर प्रत्याशी को केवल चुनाव जीतने की ही फिक्र है। उद्योग शून्य जिले में युवाओं को रोजगार की दरकार है। लेकिन किसी प्रत्याशी के एजेंडे में रोजगार दिलाने के लिए प्रयास की जगह नहीं है। सपा और भाजपा के नेता मतदाताओं को लुभाने में ही लगे हुए हैं।
जिले में बेरोजगारी सबसे बड़ी समस्या है। जिले में औद्योगिक इकाइयों की स्थापना होने पर बेरोजगारी काफी हद तक दूर हो सकती है। डबल इंजन की सरकार में भी जिले को बेरोजगारी की समस्या से निजात नहीं मिल सकी है। सांसद मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद हो रहे उपचुनाव में सपा और भाजपा प्रत्याशी नामांकन करने के बाद चुनाव प्रचार शुरू कर चुके हैं।
गांव-गांव गली-गली जाकर प्रत्याशी और नेता मतदाताओं को लुभाने की कोशिश में लगे हुए हैं। मुद्दों का जिक्र नहीं करने वाले नेताओं को केवल चुनाव जीतने की ही फिक्र है। शिक्षा के लिए जिले में सैनिक स्कूल, इंजीनियरिंग कॉलेज जैसी सुविधाएं जरूर है। लेकिन रोजगार पाने के साधन नहीं हैं। बेरोजगारों को जिले में किसी औद्योगिक इकाई की स्थापना का आज भी इंतजार है।
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