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मुलायम सिंह के निधन के बाद होने वाले उप चुनाव में सपा प्रमुख अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव मैदान में हैं। इस बार भी शिवपाल सिंह ने प्रत्याशी न उतारने के संकेत को प्रसपा जिलाध्यक्ष को दिए हैं, लेकिन सपा को समर्थन देने पर निर्णय बाद में लेने की बात कही है। ऐसे में साफ है कि अब तक सैफई परिवार में आई दरार पूरी तरह खत्म नहीं हुई। शिवपाल सिंह यादव जसवंतनगर सीट से विधायक हैं, जो लोकसभा क्षेत्र मैनपुरी का ही हिस्सा है।
जसवंतनगर विधानसभा क्षेत्र लोकसभा चुनाव में सपा के लिए ट्रंप कार्ड साबित हुआ है। दो विधानसभा क्षेत्रों के बराबर अकेले जसवंतनगर में ही सपा को वोट मिल जाता है। ऐसे में बिना शिवपाल के समर्थन के ये वोट बैंक हासिल कर पाना कहीं न कहीं सपा के लिए मुश्किल हो सकता है। हालांकि अब तक चाहे पूर्व सांसद तेजप्रताप यादव हों या फिर धर्मेंद्र यादव सभी परिवार एक होने की बात कहते आ रहे हैं। लेकिन अब तक इस पर अखिलेश यादव या डिंपल यादव का कोई बयान सामने नहीं आया है।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष से अपर्णा यादव की मुलाकात भी अहम
हाल ही में मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव लखनऊ में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी से मिलने पहुंचीं थीं। इससे सियासी माहौल गर्मा गया है। चर्चाएं हैं कि भाजपा मैनपुरी उप चुनाव में अपर्णा यादव को बतौर प्रत्याशी उतार सकती है। अगर ऐसा होता है तो सैफई परिवार को एक और झटका लग सकता है।
नामांकन में साफ हो जाएगी परिवार की तस्वीर
अब तक सभी सपा नेता और सैफई कुनबे के पारिवारिक सदस्य परिवार एक होने का दावा करते रहे हैं। लेकिन परिवार वाकई एकजुट है ये सोमवार को होने वाले डिंपल यादव के नामांकन के साथ स्पष्ट हो जाएगा। जानकारी के अनुसार नामांकन में डिंपल यादव के साथ सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के अलावा, प्रो. रामगोपाल यादव, धर्मेंद्र यादव और तेजप्रताप यादव मौजूद रहेंगे। शिवपाल सिंह के आने पर पार्टी पदाधिकारी कुछ बोलने को तैयार नहीं है। ऐेस में नामांकन में ही सैफई परिवार एकजुट है या नहीं, ये साफ हो जाएगा।
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