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प्रधान डाकघर मैनपुरी
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
मैनपुरी में डाक विभाग में खाताधारकों के साथ हेराफेरी का मामला बढ़ता जा रहा है। डाकघर के अंगौथा शाखा के बाद गबन की आंच प्रधान डाकघर तक पहुंच गई है। यहां तैनात डाक सहायक ने नए खाताधारकों के खाते में धनराशि जमा न कर एक करोड़ रुपये के करीब हेरफेर किया। अब जिम्मेदार मामलेे को रफा-दफा कराने में जुटे हैं।
मैनपुरी डाक विभाग इन दिनों गबन का अड्डा बन गया है। सबसे पहले शाखा डाकघर अंगौथा में ढाई करोड़ रुपये के गबन का मामला सामने आया। ग्रामीणों की शिकायत पर पहले तो सुनवाई ही नहीं हुई। बाद में दबाव बढ़ा तो शाखा डाकपाल को निलंबित कर दिया गया। इसके ठीक बाद बीते सप्ताह ही प्रधान डाकघर में तैनात डाक सहायक जीवन शाक्य को भी 60 हजार रुपये का मिलान न होने की बात कहकर निलंबित कर दिया गया।
लेकिन मामला यहां इससे कहीं बढ़ा है। दरअसल प्रधान डाकघर में भी लगभग एक करोड़ रुपये की हेरफेर की गई है। डाक सहायक ने नए खाताधारकों के खातों में धनराशि जमा ही नहीं की। खाताधारकों को फर्जी रसीद और फर्जी पासबुक भी बनवाकर देता रहा। लगभग सात से आठ बड़े खाताधारकों के खातों में ये हेरफेर की गई। अब विभाग बजाए कार्रवाई के मामले को रफा-दफा कराने में जुटा है।
सूत्रों के अनुसार डाक सहायक और खाताधारकों के बीच पंचायत कराई जा रही है। रुपये वापस करने पर कोई कार्रवाई न करने की सहमति खाताधारकों ने जताई है। वहीं डाक विभाग के अधिकारी कुछ भी बोलने से बच रहे हैं। अगर विस्तृत जांच हो तो प्रधान डाकघर में और भी बड़ा गबन सामने आ सकता है। डाक अधीक्षक देवेंद्र सिंह ने बताया कि प्रधान डाकघर में भी अभिलेखों की जांच की जा रही है। अभी गबन के संबंध में कुछ भी स्पष्ट कह पाना संभव नहीं है। जांच में जो भी सामने आएगा,उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी।
रिश्तेदारों के साथ ही की धोखाधड़ी
डाक सहायक ने अधिकांश हेराफेरी उन्हीं लोगों के खातों में की है, जो उसके रिश्तेदार हैं। दरअसल रिश्तेदारी के चलते लोग आकर डाक सहायक को अपने रुपये दे जाते थे। बाद में वह ही जमा की रसीद और पासबुक में फर्जी एंट्री कर उन्हें लौटा देता था। उन्हें इस बात की कानों-कान भनक तक नहीं थी कि उनके साथ उनका कोई अपना ही इतनी बड़ी धोखाधड़ी कर सकता है। इसी विश्वास में धीरे-धीरे ये हेराफेरी बड़ी होती चली गई।
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