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भू-माफिया जमीनों पर कर रहे कब्जा
– फोटो : Agra
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उत्तर प्रदेश के आगरा में जमीनों की बढ़ती कीमतों के कारण निजी स्वार्थों की पूर्ति के लिए शहर से ग्रामीण क्षेत्र तक पार्क, नहर, तालाब, बंजर और श्मशान भूमि पर कब्जों का खेल चल रहा है। राजस्व विभाग लापरवाह है। शिकायतों की जांच में लीपापोती से सरकारी भूमि खुर्द बुर्द हो गई हैं। डीएम से लेकर मंडलायुक्त तक के आदेश पर भी कब्जे नहीं हट रहे।
धनौली में खसरा संख्या 485 पर बंजर, 486 में पोखर और 487 में मरघट भूमि राजस्व रिकार्ड में दर्ज है। मौके पर असामाजिक तत्वों का कब्जा है। बरौली अहीर मंडल के पूर्व भाजपा उपाध्यक्ष मुरारी लाल वर्मा ने 27 दिसंबर को जिलाधिकारी कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई। जांच के नाम पर लीपापोती हो गई। मौके से अवैध कब्जा व अतिक्रमण नहीं हटा।
अखिल भारतीय भ्रष्टाचार उन्मूलन समिति मंडल प्रभारी बाबूलाल का कहना है कि सरकारी भूमि पर कब्जा कराने में लेखपाल से लेकर कानूनगो तक मिले होते हैं। 24 जनवरी को मंडलायुक्त रितु माहेश्वरी ने कब्जे हटाने के लिए एडीएम प्रशासन को आदेश दिए पर धरातल पर हकीकत नहीं बदली।
रिपोर्ट से करते हैं अधिकारियों को गुमराह
एंटी भूमाफिया पोर्टल पर जिले में पांच हजार से अधिक शिकायत दर्ज हो चुकी हैं। जनसुनवाई करने वाले अधिकारी संबंधित विभागों के लिए जांच के आदेश करते हैं। जांच रिपोर्ट के नाम पर अधिकारियों को गुमराह किया जा रहा है। बिना मौका-मुआयना किए जांच रिपोर्ट भेज दी जाती है।
सपोर्ट इंडिया वेलफेयर सोसाइटी अध्यक्ष सुरेश चंद सोनी का कहना है कि फर्जी जांच रिपोर्ट का अधिकारी दोबारा सत्यापन तक नहीं कराते। इसके कारण जनसुनवाई की व्यवस्था से जनता का विश्वास उठ रहा है।
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