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भैंस
– फोटो : अमर उजाला
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आगरा नगर निगम के दीवानी कांजी हाउस में बृहस्पतिवार को पशुपालन टीम को 8 गोवंश बीमार मिले। इनमें लंपी के संदिग्ध लक्षण हैं। टीम की रिपोर्ट पर स्वस्थ 7 गोवंश को दूसरी जगह भेजा गया। वहीं बाह में दो भैंस संदिग्ध हालात में मर गईं, इन्होंने 24 घंटे से चारा खाना छोड़ दिया था। टीम इनके पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रही है। हालांकि टीम का मानना है कि मोटी खाल वालों में लंपी का असर नहीं है।
कांजी हाउस में बीमार गोवंश के लिए इलाज के लिए टीम पहुंची। यहां 20 से अधिक गोवंश मिले। जिनमें तीन दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल थीं, आठ गोवंश लंपी संदिग्ध थे। गोशाला में सात गोवंश स्वस्थ थे। जिसे लंपी संदिग्ध गोवंश के साथ रखा गया था। सीवीओ ने बताया कि स्वस्थ गोवंश को कांजी हाउस से नगर निगम की नरायच स्थित गोशाला में भेजा गया है।
दूसरी ओर लंपी के बीच बाह के जसोल गांव में बीते 48 घंटे में 2 भैंस मर गईं। दोनों भैंस की पोस्टमार्टम कराया गया। रिपोर्ट का इंतजार है। पशुपालन विभाग की टीम भैंस की मौत की जांच के लिए शुक्रवार को बाह जाएगी। मुख्य चिकित्सा अधिकारी विजयवीर चंद्रयाल ने बताया कि लंपी वायरस पतली खाल वाले पशुओं में होता है। भैंस की खाल मोटी होती है। जिले में 2500 से अधिक गोवंश लंपी संक्रमित हो चुके हैं। चार गोवंश की मौत हो चुकी है।
वैक्सीन का लक्ष्य पूरा, फिर भी बढ़ रहे मामले
वैक्सीन का लक्ष्य पूरा होने के बाद भी लंपी संदिग्ध गोवंश की संख्या बढ़ रही है। ऐसे में वैक्सीनेशन पर सवाल उठ रहे हैं। जिले में 2.83 लाख गोवंश हैं। पशुपालन विभाग को 2.41 लाख गोवंश के वैक्सीनेशन का लक्ष्य मिला था। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी का दावा है कि 2.41 लाख गोवंश का वैक्सीनेशन हो चुका है। इधर, शहरी क्षेत्र में बढ़ रहे लंपी संदिग्ध गोवंश को लेकर वैक्सीनेशन प्रक्रिया कठघरे में खड़ी है। सीवीओ का कहना है कि आकस्मिक स्थिति के लिए 1.50 लाख वैक्सीन डोज स्टोर में रखी हैं। जिन्हें संक्रमण की आशंका पर प्रयोग किया जाएगा।
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