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मथुरा स्थित श्रीकृष्ण जन्मभूमि।
– फोटो : अमर उजाला।
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लोकसभा चुनाव के मद्देनजर सभी दल उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया में जुट गए हैं। चुनाव में पार्टी सिंबल पर मैदान में उतरने की उम्मीद पाले बैठे कई उम्मीदवार टिकट पाने के लिए अपने-अपने स्तर से जुगाड़ लगा रहे हैं। खास बात यह है कि देश में चल रही हिंदुत्व की राजनीति को देखते हुए उम्मीदवार ब्रज के संतों की शरण में टिकट पाने की सिफारिश लगवाने पहुंच रहे हैं। वृंदावन स्थित एक नामी आश्रम के संत के पास अब तक मथुरा सहित प्रदेश की 20 सीटों पर दावेदारी जता रहे भावी उम्मीदवारों के बायोडाटा सिफारिश के लिए पहुंचे हैं।
दरअसल, मथुरा-वृंदावन के संतों की राजनीति में अच्छी पकड़ है। बीते दिनों अयोध्या में रामलला प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दौरान भी पता चला कि ब्रज के संतों की रामजन्म भूमि मुक्ति आंदोलन में क्या भूमिका थी। सरकार ने भी ब्रज से 120 संतों को उस कार्यक्रम में बुलाया था। इसके बाद अचानक से राजनीतिक लोगों का ब्रज के संतों की शरण में आना शुरू हो गया है।
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भाजपा में सिफारिश के लिए सबसे अधिक कतार
ब्रज के संतों के पास लोकसभा की टिकट पाने को सिफारिश लगवाने वालों में सबसे अधिक भाजपा नेता हैं। उप्र सहित, दिल्ली, उत्तराखंड, हरियाणा, राजस्थान और मध्यप्रदेश के नेता इस सूची में सबसे आगे हैं। पिछले दिनों एक भाजपा नेता, जो कि राजस्थान से ताल्लुक रखते हैं, एक आश्रम में पांच दिन तक रहे, उनकी सिफारिश के लिए दिल्ली फोन करने के बाद ही वह वापस लौटे।
कुंडलियां लेकर आ रहे नेता
नेता न सिर्फ सिफारिश लगवाने के लिए आ रहे हैं। बल्कि अपनी कुंडली भी साथ ला रहे हैं। ज्योतिष के जानकार संतों को कुंडली दिखाकर चुनाव में जीत-हार का योग भी पूछ रहे हैं।
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