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हेमा मालिनी, डिंपल यादव, राज बब्बर
– फोटो : अमर उजाला
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लोकतंत्र में सबसे बड़ी ताकत वोट की है। वोट की चोट से मतदाताओं ने दिग्गजों को हराया भी है और जिताया भी है। मजबूत किलों को ढहाने का काम भी मतदाताओं ने ही किया है। दलीय लहर, दलों के वादे और इरादे मतदाताओं को प्रभावित जरूर करते हैं लेकिन ब्रज की माटी में दलीय लहरों को भी मतदाताओं ने रोकने का काम किया है। लुभावने वादों की मजबूत चट्टान से प्रभावित हुए बगैर इरादों को तोड़ने का काम ब्रज के मतदाताओं ने किया है। मतदाताओं का रुझान जब करवट लेता है तो दिग्गज भी हार जाते हैं।
2014 के चुनाव में कांग्रेस भ्रष्टाचार के आरोपों से चारों तरफ से घिरी हुई थी। भारतीय जनता पार्टी सत्ता पाने की तैयारी कर रही थी। पूरे देश में कांग्रेस के खिलाफ माहौल था। मोदी-मोदी का नारा हर तरफ गूंज रहा था। घर-घर मोदी का नारा लग रहा था। 2014 में सपा का किला ढहाने के लिए भाजपा प्रत्याशी प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल के लिए नरेंद्र मोदी ने फिरोजाबाद में भी चुनावी जनसभा की थी। मतदाताओं के रुझान का ही असर था कि फिरोजाबाद इस लहर से प्रभावित नहीं हुआ।
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