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आगरा सदर तहसील
– फोटो : अमर उजाला
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उत्तर प्रदेश के आगरा में जगदीशपुरा जमीन कांड में टहल सिंह के सामने आने के बाद नए-नए मोड़ आ रहे हैं। टहल सिंह के जिस फर्जी मृत्यु प्रमाणपत्र के आधार पर सदर तहसील से वारिसान बना। उस पर हस्ताक्षर करने वाले लेखपाल, कानूनगो परेशान हैं। तहसीलदार से भी जवाब-तलब हो सकता है।
टहल सिंह की वारिस बता उमा देवी ने बैनारा फैक्टरी के पास 10 हजार वर्ग गज भूमि का दाखिल खारिज कराया था। हालांकि इस दाखिल को आपत्तियां व उच्च न्यायालय के स्थगन आदेश पर खारिज कर दिया गया। ऐसे में एक तरफ उमा देवी पर गलत दावा प्रस्तुत करने का आरोप है।
दूसरी तरफ उमा देवी का वारिसान प्रमाणपत्र पर सदर तहसील के लेखपाल, कानूनगो व तहसीलदार के हस्ताक्षर हैं। लेखपाल और काननूगो ने बिना जांच के प्रमाणपत्र जारी किया। गवाहों के आधार पर बने इस प्रमाणपत्र का सत्यापन नहीं कराया। मृत्यु प्रमाणपत्र फर्जी निकला। मृत्य प्रमाण-पत्र बनवाने के लिए टहल सिंह का फर्जी आधार नंबर व श्मसान की रसीदें लगाई गईं। एसआईटी जांच में इस फर्जीवाड़े की परत खुल सकती है।
सदर तहसील में राजस्वकर्मियों की लापरवाही सामने आने के बाद अफसर कुछ भी बोलने से बच रहे हैं। तहसीलदार अविचल प्रताप सिंह का कहना है कि मामले की जांच चल रही है। ऐसे में कुछ भी कहना उचित नहीं। पिछले दिनों टहल सिंह ने तहसीलदार और एसआईटी के सामने अपने बयान दर्ज कराए थे।
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