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– फोटो : istock
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आगरा में मंदिर की जमीन को कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर हड़पने के मामले में पीड़ित ने अदालत में आगरा के बीएसए जितेंद्र कुमार गोंड, प्रयागराज के बीएसए प्रवीण कुमार तिवारी सहित नौ लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के लिए प्रार्थनापत्र दिया है। मामले में अदालत ने थाने से आख्या मांगकर 21 मार्च को सुनवाई नियत की है।
आवास विकास कॉलोनी सेक्टर-6 निवासी नीरज पाराशर ने सीजेएम की अदालत में प्रार्थनापत्र प्रस्तुत किया। आरोप लगाया कि आगरा और प्रयागराज के बीएसए, खंड शिक्षा अधिकारी आगरा नीलम, बीएसए कार्यालय के लिपिक राहुल गुप्ता सहित 9 लोगों ने मंदिर की जमीन को हड़पने के उद्देश्य से राजस्व के रिकाॅर्ड में अपने नाम दर्ज करा लिए।
नीरज का आरोप है कि जानकारी होने पर साक्ष्य के साथ कई बार कंपोजिट विद्यालय से संबंधित शिकायती पत्र मुख्यमंत्री व उच्च अधिकारियों को भेजे। मगर, जांच पूरी किए बिना ही निस्तारण कर दिया गया। उनके पूर्वज मवासी लाल ने 12 बीघा 17 बिस्वा जमीन 2 अक्तूबर 1921 को बोदला निवासी लालहंस से खरीदी थी। उन्होंने 20 जून 1958 को सत्यनारायण भगवान के नाम से वक्फ कर जमीन का मालिक बना दिया। साथ ही बच्चों को उत्तराधिकारी बना दिया, जो काबिज हैं।
उन्होंने कहा है कि एक मंदिर की भी स्थापना कराई। पूर्वजों ने 1958 में नगर पालिका को शिक्षा के लिए कक्षा 1 से 5 तक स्कूल चलाने के लिए 25 रुपये प्रतिमाह किराए पर दिया था। पहले पूर्वजों ने किराया लिया। उनकी मौत के बाद उनके पुत्र लक्ष्मीनारायण, फिर उनके पुत्र घनश्याम दास फिर उनके पुत्र किराया लेते आ रहे थे। कई साल पहले नगर पालिका ने किराया देना बंद कर दिया। इसके बाद शिक्षा अधिकारियों की मदद से षड्यंत्र कर फर्जी दानपत्र, कूटरचित दस्तावेज तैयार कर जमीन हड़पने की नीयत से आरोपी ललित नारायण ने राजस्व रिकाॅर्ड में अपनों के नाम अंकित करा लिए। जबकि सिविल कोर्ट में 1969 से मुकदमा विचाराधीन है। पैरवी अधिवक्ता नीरज पाठक और रमाशंकर शर्मा ने की।
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