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मनरेगा के अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी मनीष कुमार ने बताया कि प्रत्येक सरोवर की गहराई 2.50 मीटर है। क्षेत्रफल दो एकड़ है। करीब 10 लाख क्यूबिक पानी का भंडारण होगा। उन्होंने बताया कि बरसात में सभी तालाब पूरी तरह पानी से भर गए हैं। जिले में 15 ब्लॉक हैं, जिनमें 12 डार्क व दो सेमी डार्क घोषित हैं। डार्क हो चुके ब्लॉक में भूजल स्तर के लिए अमृत सरोवर वरदान साबित होंगे।
शहर में एक भी सरोवर नहीं बना
शहर भी डार्क जोन में शामिल है। लेकिन नगर निगम क्षेत्र में एक भी अमृत सरोवर नहीं बना है। 40 से अधिक तालाबों पर अतिक्रमण हैं। नगर निगम क्षेत्र में करीब 25 किमी. नहर पर भी कब्जा है। नहर व तालाब पर कब्जे के कारण शहर में सड़क से लेकर हाईवे तक जलभराव हो रहा है।
पिकनिक स्पॉट बने सरोवर स्थल
70 गांवों में बने अमृत सरोवरों के किनारों पर पिकनिक स्पॉट विकसित किए गए हैं। जहां बच्चों के लिए झूले, ओपन जिम, नीम, पीपल, कटहल, जामुन, बरगद के पौधे रोपे हैं। सरोवरों के किनारों पर सौंदर्यीकरण किया है। साथ ही ग्रामीणों को तालाबों में कूड़ा-कचरा नहीं डालने व उन्हें संरक्षित करने के लिए जागरूक किया जा रहा है।
भूजल स्तर में होगी वृद्धि
मुख्य विकास अधिकाकरी ए मनिकन्डन ने बताया कि 70 गांव में अमृत सरोवर तैयार हो गए हैं। अगले माह तक 146 गांव में काम पूरा हो जाएगा। भूजल स्तर में वृद्धि होगी। ग्रामीणों को जल संवर्धन व प्रबंधन के लिए जागरुक भी किया है।
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