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कासगंज के थाना सोरोंजी पुलिस ने करोड़ों रुपयों की धोखाधड़ी करने वाले तीन आरोपियों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। धोखाधड़ी करने के आरोपी फर्जी कंपनी बनाकर सस्ते दामों पर कार व बाइक देने के लुभावने ऑफर देकर लोगों को ठगी का शिकार बना रहे थे। अब तक 10 करोड़ रुपये की ठगी 896 लोगों से आरोपी कर चुके हैं। तीनों ही आरोपियों को पुलिस ने जेल भेज दिया है। इन आरोपियों के पास से पुलिस ने एक लैपटॉप, स्वाइप मशीन, मोबाइल फोन, मोहरे व कंपनी से संबंधित प्रपत्र बरामद किए हैं।
एसपी बीबीजीटीएस मूर्ति ने इस खुलासे की जानकारी देते हुए बताया कि 29 जून को सुखवीर सिंह निवासी ग्राम प्रह्लादपुर थाना सोरों ने माई सन लाइफ कंपनी के मालिक प्रेमपाल उर्फ धनीराम के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई। आरोप है कि यूट्यूब व व्हाट्सएप पर बाइक व कार सस्ते दामों में दिलाने का ऑफर देते हुए दो बार में 719600 रुपये ले लिए। आरोपी ने 45 दिन में धन दोगुना करने एवं चार पहिया गाड़ी देने का वादा किया, लेकिन वादे के मुताबिक न रुपये वापस किए और न ही चार पहिया गाड़ी दी। पुलिस ने पूरे मामले की गहनता से विवेचना की तो पूरा फर्जीवाड़ा सामने आया।
एसपी ने बताया कि माई सन लाइफ हेल्थ केयर कंपनी प्राइवेट लिमिटेड अहमदाबाद गुजरात के पते पर है, लेकिन इस कंपनी के नाम पर प्रेमपाल सिंह निवासी नगला बैनी, पूरन सिंह निवासी टीकमपुरा एवं ध्यान प्रताप सिंह उर्फ डीपी सिंह निवासी काजी खेड़ा थाना मारहरा जनपद एटा को सोरोंजी के मेला ग्राउंड से गिरफ्तार किया गया। जो इस पूरे धोखाधड़ी के मामले को अंजाम दे रहे थे।
एसपी ने बताया कि आरोपियों के द्वारा कंपनी के नाम से 36300 रुपये में 45 दिनों में नई बाइक एवं 142600 रुपये में 45 दिनों में चार पहिया कार देने का लालच देकर 896 लोगों को ठगी का शिकार बनाया। 800 लोगों को बाइक की स्कीम में शामिल किया गया जबकि 96 लोगों को कार की स्कीम में शामिल किया। एसपी ने बताया कि 896 लोगों से करीब 10 करोड़ रुपये की ठगी की गई है। एसपी ने बताया कि इस बड़ी धोखाधड़ी के मामले का खुलासा सोरोंजी इंस्पेक्टर रमेश भारद्वाज, वरिष्ठ उपनिरीक्षक प्रेमपाल सिंह की टीम के द्वारा किया गया।
भाई के नाम पर फर्जी आधार कार्ड और पैन कार्ड बनवाया
सोरोंजी कोतवाली के इंस्पेक्टर रमेश भारद्वाज ने बताया कि पूरी योजना के साथ इस फर्जीवाड़े को अंजाम दिया गया। उन्होंने बताया कि प्रेमपाल निवासी नगला बैनी ने अपने भाई धनीराम की कमजोर मानसिक स्थित का फायदा उठाते हुए धनीराम के नाम से फर्जी आधार कार्ड और पैन कार्ड बनवा लिया। इसी आधार पर भाई के नाम से कंपनी बनवा ली और स्वयं सिग्नेटरी बन गए और धन हड़पते रहे।
यह सामान हुआ बरामद
सोरोंजी पुलिस ने आरोपियों के पास से एक लैपटॉप, एक स्वाइप मशीन, तीन मोबाइल फोन, कंपनी की दो मोहरें, डायरी, कंपनी से संबंधित फाइलें व अन्य प्रपत्र बरामद किए हैं।
धोखाधड़ी का मास्टर माइंड है डीपी सिंह
सोरोंजी पुलिस के द्वारा गिरफ्तार किया गया आरोपी ध्यान प्रताप सिंह उर्फ डीपी सिंह का आपराधिक इतिहस पुराना है। डीपी सिंह पर पहला मामला वर्ष 2011 में मथुरा की सदर कोतवाली में दर्ज हुआ। जबकि वर्ष 2015 में अमानत में खयानत करने व धोखाधड़ी के दो मामले कोतवाली सदर इटावा और कोतवाली सिकंदरा आगरा में दर्ज हुआ। इसके अलावा जनपद बुलंदशहर में भी धोखाधड़ी का मामला दर्ज हुआ है। इसके अलावा गैंगस्टर की कार्रवाई भी वर्ष 2017 में इटावा में हुई है। इन आरोपियों में सर्वाधिक मामले डीपी सिंह पर हैं। जबकि प्रेमपाल और पूरन सिंह का धोखाधड़ी का यह पहला मामला दर्ज हुआ है।
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