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कासगंज। विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट आदित्य चतुर्वेदी के न्यायालय ने अनुसूचित जाति की किशोरी से दुष्कर्म और पहली शादी करने के बाद भी दूसरी जगह विवाह कर लेने के दो आरोपियों की जमानत याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने जमानत के लिए निर्दोष होने के तर्क को स्वीकार नहीं किया।
अनुसूचित जाति की किशोरी से उर्वेश शादी का झांसा देकर एक वर्ष दुष्कर्म करता रहा। शादी के लिए कहने पर बहाने बनाने लगता। पीड़िता ने उर्वेश के पिता पप्पू व चाचा लक्ष्मन सिंह के घर जाकर शादी के लिए कहा तो यह लोग, उर्वेश व उसका दोस्त अंकित मारपीट करने लगे। प्रताड़ित भी किया। इसके बाद किराये के कमरे में ले जाकर बंद कर दिया। उर्वेश व अंकित ने दुष्कर्म किया। जान से मारने की धमकी दी।
मां ने ढ़ोलना थाने में शिकायत करने के लिए कहा तो 6 जून 2022 को तहसील में उर्वेश के साथ शादीनामा लिखा दिया गया। चामुंडा मंदिर में शादी कर ली। एक दो दिन में विदा करा लेने की बात कहकर मां के साथ भेज दिया। इसके बाद उसने 20 जून 2022 को दूसरी लड़की के साथ शादी कर ली। इस मामले की प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। उर्वेश व अंकित ने जमानत के लिए याचिका दायर की थी। इसे खारिज कर दिया गया।
कासगंज। विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट आदित्य चतुर्वेदी के न्यायालय ने अनुसूचित जाति की किशोरी से दुष्कर्म और पहली शादी करने के बाद भी दूसरी जगह विवाह कर लेने के दो आरोपियों की जमानत याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने जमानत के लिए निर्दोष होने के तर्क को स्वीकार नहीं किया।
अनुसूचित जाति की किशोरी से उर्वेश शादी का झांसा देकर एक वर्ष दुष्कर्म करता रहा। शादी के लिए कहने पर बहाने बनाने लगता। पीड़िता ने उर्वेश के पिता पप्पू व चाचा लक्ष्मन सिंह के घर जाकर शादी के लिए कहा तो यह लोग, उर्वेश व उसका दोस्त अंकित मारपीट करने लगे। प्रताड़ित भी किया। इसके बाद किराये के कमरे में ले जाकर बंद कर दिया। उर्वेश व अंकित ने दुष्कर्म किया। जान से मारने की धमकी दी।
मां ने ढ़ोलना थाने में शिकायत करने के लिए कहा तो 6 जून 2022 को तहसील में उर्वेश के साथ शादीनामा लिखा दिया गया। चामुंडा मंदिर में शादी कर ली। एक दो दिन में विदा करा लेने की बात कहकर मां के साथ भेज दिया। इसके बाद उसने 20 जून 2022 को दूसरी लड़की के साथ शादी कर ली। इस मामले की प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। उर्वेश व अंकित ने जमानत के लिए याचिका दायर की थी। इसे खारिज कर दिया गया।
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