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कासगंज। जिले में पुरुषों में ह्यूमन इम्यूनोडिफिशिएंसी वायरस(एचआईवी) से संक्रमण के मामले ज्यादा सामने आ रहे हैं। इसके बाद भी वह जांच कराने में महिलाओं से पिछड़ रहे हैं। इनकी यह लापरवाही खुद के साथ ही पत्नी और होने वाली संतान के लिए भी खतरा बढ़ा रही है।
एड्स के बढ़ते खतरे से लोगों को जागरूक करने के लिए एक दिसंबर को विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है। जिले में एचआईवी संक्रमण की जांच के लिए जिला अस्पताल पर एआरटी सेंटर है। यहां गर्भवती महिलाओं की एचआईवी जांच होती है। आम लोगों की भी निशुल्क जांच की जाती है। एचआईवी की जांच कराने के मामले में जिले के पुरुष जागरूकता नहीं दिखा रहे हैं।
वर्ष 2022 के आंकड़ों के मुताबिक पुरुषों की जांच की स्थिति काफी खराब रही। जिले में इस वर्ष 1867 पुरुषों ने जांच कराई। इनमें 15 पुरुष संक्रमित मिले। 3524 सामान्य महिलाओं ने केंद्र पर जांच कराई। इनमें 10 महिलाएं संक्रमित निकलीं। 4848 गर्भवती महिलाओं की जांच की गई। इनमें 3 महिलाएं संक्रमित मिलीं। जिले में इस साल 28 लोग संक्रमित निकले। यह आंकड़ा पिछले साल से 12 अधिक है।
5 दंपती भी एचआईवी संक्रमित
जिले में इस साल 28 एचआईवी संक्रमित मिले हैं। इनमें 5 दंपती हैं। इनका इलाज विभाग ने कराया है।
नौशे खां 11 साल से लोगों को कर रहे जागरूक
गोविंद सेवा समिति के नौशे खां पेशे से नाच गाने का काम करते हैं। वह 11 साल से पीयर एजुकेटर के रूप में कार्य कर रहे हैं। वह लोगों को एड्स के बारे में जागरूक करते हैं। इन्हें समझाकर जांच के लिए जिला अस्पताल लाते हैं। किसी व्यक्ति के एचआईवी पॉजिटिव मिलने पर उसे दवाएं पहुंचाते हैं। समय से उनकी जांच कराते हैं। एचआईवी काउंसलर प्रीति गौड़ बताती हैं कि नौशे खां अपने साथी तनु और नवेद के सहयोग से अब तक पंद्रह सौ से ज्यादा लोगों को प्रेरित कर जांच करवा चुके हैं। वह डांस कार्यक्रम आदि के माध्यम से भी लोगों को जागरूक करते हैं।
ऐसे फैलता है वायरस
– एचआईवी संक्रमित व्यक्ति से असुरक्षित यौन संबंध।
– एचआईवी संक्रमित को लगाई सिरिंज के दोबारा प्रयोग से।
– संक्रमित रक्त या रक्त उत्पाद चढ़ाने से।
– संक्रमित मां से उसके शिशु को।
ये हैं लक्षण
– एक माह में शरीर के वजन में 10 फीसदी से अधिक की कमी।
– एक माह से अधिक समय तक रुक-रुककर या लगातार बुखार आना।
– लगातार डायरिया, क्षय रोग होना, सांस लेने में परेशानी।
– लगातार खांसी व सिरदर्द रहना।
एचआईवी संक्रमण की जांच के लिए जिला अस्पताल पर सेंटर बना हुआ है। मरीज के जांच में एचआईवी संक्रमित मिलने पर अलीगढ़ रेफर कर इलाज कराया जाता है। – डॉ. अतुल सारस्वत, नोडल अधिकारी एड्स नियंत्रण कार्यक्रम
कासगंज। जिले में पुरुषों में ह्यूमन इम्यूनोडिफिशिएंसी वायरस(एचआईवी) से संक्रमण के मामले ज्यादा सामने आ रहे हैं। इसके बाद भी वह जांच कराने में महिलाओं से पिछड़ रहे हैं। इनकी यह लापरवाही खुद के साथ ही पत्नी और होने वाली संतान के लिए भी खतरा बढ़ा रही है।
एड्स के बढ़ते खतरे से लोगों को जागरूक करने के लिए एक दिसंबर को विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है। जिले में एचआईवी संक्रमण की जांच के लिए जिला अस्पताल पर एआरटी सेंटर है। यहां गर्भवती महिलाओं की एचआईवी जांच होती है। आम लोगों की भी निशुल्क जांच की जाती है। एचआईवी की जांच कराने के मामले में जिले के पुरुष जागरूकता नहीं दिखा रहे हैं।
वर्ष 2022 के आंकड़ों के मुताबिक पुरुषों की जांच की स्थिति काफी खराब रही। जिले में इस वर्ष 1867 पुरुषों ने जांच कराई। इनमें 15 पुरुष संक्रमित मिले। 3524 सामान्य महिलाओं ने केंद्र पर जांच कराई। इनमें 10 महिलाएं संक्रमित निकलीं। 4848 गर्भवती महिलाओं की जांच की गई। इनमें 3 महिलाएं संक्रमित मिलीं। जिले में इस साल 28 लोग संक्रमित निकले। यह आंकड़ा पिछले साल से 12 अधिक है।
5 दंपती भी एचआईवी संक्रमित
जिले में इस साल 28 एचआईवी संक्रमित मिले हैं। इनमें 5 दंपती हैं। इनका इलाज विभाग ने कराया है।
नौशे खां 11 साल से लोगों को कर रहे जागरूक
गोविंद सेवा समिति के नौशे खां पेशे से नाच गाने का काम करते हैं। वह 11 साल से पीयर एजुकेटर के रूप में कार्य कर रहे हैं। वह लोगों को एड्स के बारे में जागरूक करते हैं। इन्हें समझाकर जांच के लिए जिला अस्पताल लाते हैं। किसी व्यक्ति के एचआईवी पॉजिटिव मिलने पर उसे दवाएं पहुंचाते हैं। समय से उनकी जांच कराते हैं। एचआईवी काउंसलर प्रीति गौड़ बताती हैं कि नौशे खां अपने साथी तनु और नवेद के सहयोग से अब तक पंद्रह सौ से ज्यादा लोगों को प्रेरित कर जांच करवा चुके हैं। वह डांस कार्यक्रम आदि के माध्यम से भी लोगों को जागरूक करते हैं।
ऐसे फैलता है वायरस
– एचआईवी संक्रमित व्यक्ति से असुरक्षित यौन संबंध।
– एचआईवी संक्रमित को लगाई सिरिंज के दोबारा प्रयोग से।
– संक्रमित रक्त या रक्त उत्पाद चढ़ाने से।
– संक्रमित मां से उसके शिशु को।
ये हैं लक्षण
– एक माह में शरीर के वजन में 10 फीसदी से अधिक की कमी।
– एक माह से अधिक समय तक रुक-रुककर या लगातार बुखार आना।
– लगातार डायरिया, क्षय रोग होना, सांस लेने में परेशानी।
– लगातार खांसी व सिरदर्द रहना।
एचआईवी संक्रमण की जांच के लिए जिला अस्पताल पर सेंटर बना हुआ है। मरीज के जांच में एचआईवी संक्रमित मिलने पर अलीगढ़ रेफर कर इलाज कराया जाता है। – डॉ. अतुल सारस्वत, नोडल अधिकारी एड्स नियंत्रण कार्यक्रम
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