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कासगंज। जिले में खाद को लेकर लगातार मारामारी के हालात हैं। किसान डीएपी खाद के इंतजार में हैं। इन्हें समय से खाद नहीं मिल पा रही है। रविवार को 6 समितियों को 90 मीट्रिक टन खाद मुहैया कराई गई। बाकी समितियों को दूसरी रैक लगने के बाद खाद उपलब्ध हो सकेगी।
जिलेभर में 46 सहकारी समितियां हैं। यहां थोड़ी मात्रा में खाद उपलब्ध हो पाती है। हाथों हाथ इसका वितरण हो जाता है। सभी किसानों को खाद नहीं मिल पाती है। इससे किसान इधर-उधर चक्कर लगाते रहते हैं। नदरई, मोहनपुरा, सोरोंजी, नगरिया, नवाबगंज, सनौड़ी की समितियों पर खाद नहीं थी। इन 6 समितियों को 90 मीट्रिक टन खाद उपलब्ध कराई गई है।
कम मात्रा में खाद होने से जिले में गेहूं की बुवाई का कार्य प्रभावित हुआ है। अभी जिले के 30 से 35 प्रतिशत किसान गेहूूं की बुवाई नहीं कर सके हैं। इन्हें खाद की जरूरत है।
– समितियों को लगातार खाद उपलब्ध कराई जा रही है। 6 समितियों को 90 मीट्रिक टन खाद उपलब्ध कराई गई है। दो तीन दिन में इफको की रैक लगते ही और खाद उपलब्ध हो जाएगी। – सुमित चौहान, जिला कृषि अधिकारी।
कासगंज। जिले में खाद को लेकर लगातार मारामारी के हालात हैं। किसान डीएपी खाद के इंतजार में हैं। इन्हें समय से खाद नहीं मिल पा रही है। रविवार को 6 समितियों को 90 मीट्रिक टन खाद मुहैया कराई गई। बाकी समितियों को दूसरी रैक लगने के बाद खाद उपलब्ध हो सकेगी।
जिलेभर में 46 सहकारी समितियां हैं। यहां थोड़ी मात्रा में खाद उपलब्ध हो पाती है। हाथों हाथ इसका वितरण हो जाता है। सभी किसानों को खाद नहीं मिल पाती है। इससे किसान इधर-उधर चक्कर लगाते रहते हैं। नदरई, मोहनपुरा, सोरोंजी, नगरिया, नवाबगंज, सनौड़ी की समितियों पर खाद नहीं थी। इन 6 समितियों को 90 मीट्रिक टन खाद उपलब्ध कराई गई है।
कम मात्रा में खाद होने से जिले में गेहूं की बुवाई का कार्य प्रभावित हुआ है। अभी जिले के 30 से 35 प्रतिशत किसान गेहूूं की बुवाई नहीं कर सके हैं। इन्हें खाद की जरूरत है।
– समितियों को लगातार खाद उपलब्ध कराई जा रही है। 6 समितियों को 90 मीट्रिक टन खाद उपलब्ध कराई गई है। दो तीन दिन में इफको की रैक लगते ही और खाद उपलब्ध हो जाएगी। – सुमित चौहान, जिला कृषि अधिकारी।
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