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कासगंज के जिला चिकित्सालय में बनाया गया डेंगू वार्ड ।
– फोटो : KASGANJ
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कासगंज। जिले में मलेरिया अब घुटनों पर आ गया है। वहीं डेंगू के मरीज बढ़ रहे हैं। अब तक 75 मामले सामने आ चुके हैं। वहीं मलेरिया के 17 मामले ही सामने आए हैं। डेंगू के बढ़ते मरीजों से लोगों को चिंता सता रही है।
जिले में पिछले तीन साल से डेंगू ने पैर पसारने शुरू किए हैं। देहात से लेकर शहरी इलाकों में डेंगू के मामले अधिक निकल रहे हैं। डेंगू का सबसे अधिक प्रकोप वर्ष 2021 में हुआ। इस वर्ष सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 227 मामले मिले। इनमें 132 लोगों की बाहरी जनपदों में इलाज के दौरान मौत हो गई। इस बार भी मलेरिया की जगह डेंगू का ज्यादा असर है। इस साल सरकारी प्रयोगशाला में लगभग 40 हजार लोगों की मलेरिया की जांच की गई। इनमें 17 में पुष्टि हुई। डेंगू की लगभग 22 सौ जांच में 75 पीड़ित मिले हैं।
दो साल से दवा का नहीं हुआ छिड़काव
डेंगू मच्छर की रोकथाम पाइरेथिन दवा से होती है। जिले में दो साल से इसका छिड़काव नहीं हुआ। यह केरोसिन में मिलाकर छिड़की जाती है। अगर किसी घर में एक भी मरीज डेंगू पीड़ित मिलता है तो उस घर के अलावा आसपास भी दवा के छिड़काव का प्रावधान है। विभाग नियमों को ताक पर रखे है। दवा स्टॉक में होने के बाद भी केरोसिन नहीं खरीदा गया।
अभी खतरा कम होने के नहीं है आसार
मौसम में सर्दी की दस्तक हो गई है। इसके बाद भी डेंगू का खतरा कम होने के आसार नहीं हैं। डेंगू मच्छर 18 से 35 डिग्री तापमान के बीच जिंदा रहता है। इस समय जिले में तापमान 21 से 30 डिग्री के बीच चल रहा है।
आंकड़ों की नजर से डेंगू और मलेरिया
वर्ष मलेरिया डेगू
2020 -50-30
2021-30-227
2022 अब तक-17-75
जिले में मलेरिया के मामलों में तेजी से कमी आई है। दो साल से अक्तूबर में बारिश अधिक हुई है। इसका असर डेंगू फैलने पर पड़ रहा है। पिछले साल जिले में मामले अधिक थे। इस साल पिछले से कम हैं। – डॉ. अवध किशोर प्रसाद, सीएमओ
कासगंज। जिले में मलेरिया अब घुटनों पर आ गया है। वहीं डेंगू के मरीज बढ़ रहे हैं। अब तक 75 मामले सामने आ चुके हैं। वहीं मलेरिया के 17 मामले ही सामने आए हैं। डेंगू के बढ़ते मरीजों से लोगों को चिंता सता रही है।
जिले में पिछले तीन साल से डेंगू ने पैर पसारने शुरू किए हैं। देहात से लेकर शहरी इलाकों में डेंगू के मामले अधिक निकल रहे हैं। डेंगू का सबसे अधिक प्रकोप वर्ष 2021 में हुआ। इस वर्ष सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 227 मामले मिले। इनमें 132 लोगों की बाहरी जनपदों में इलाज के दौरान मौत हो गई। इस बार भी मलेरिया की जगह डेंगू का ज्यादा असर है। इस साल सरकारी प्रयोगशाला में लगभग 40 हजार लोगों की मलेरिया की जांच की गई। इनमें 17 में पुष्टि हुई। डेंगू की लगभग 22 सौ जांच में 75 पीड़ित मिले हैं।
दो साल से दवा का नहीं हुआ छिड़काव
डेंगू मच्छर की रोकथाम पाइरेथिन दवा से होती है। जिले में दो साल से इसका छिड़काव नहीं हुआ। यह केरोसिन में मिलाकर छिड़की जाती है। अगर किसी घर में एक भी मरीज डेंगू पीड़ित मिलता है तो उस घर के अलावा आसपास भी दवा के छिड़काव का प्रावधान है। विभाग नियमों को ताक पर रखे है। दवा स्टॉक में होने के बाद भी केरोसिन नहीं खरीदा गया।
अभी खतरा कम होने के नहीं है आसार
मौसम में सर्दी की दस्तक हो गई है। इसके बाद भी डेंगू का खतरा कम होने के आसार नहीं हैं। डेंगू मच्छर 18 से 35 डिग्री तापमान के बीच जिंदा रहता है। इस समय जिले में तापमान 21 से 30 डिग्री के बीच चल रहा है।
आंकड़ों की नजर से डेंगू और मलेरिया
वर्ष मलेरिया डेगू
2020 -50-30
2021-30-227
2022 अब तक-17-75
जिले में मलेरिया के मामलों में तेजी से कमी आई है। दो साल से अक्तूबर में बारिश अधिक हुई है। इसका असर डेंगू फैलने पर पड़ रहा है। पिछले साल जिले में मामले अधिक थे। इस साल पिछले से कम हैं। – डॉ. अवध किशोर प्रसाद, सीएमओ
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