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Kasganj accident
– फोटो : अमर उजाला
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कासगंज सड़क हादसे में अपनी मां मीरा देवी की मौत से वरुण गहरे सदमे में है। वह बार-बार एक ही बात कहता है कि मेरी मां को बाहर निकाल दो, मैं उनकी जान बचा लूंगा। कभी वह लोगों के हाथ जोड़ता तो कभी पैर छूने लगता। यहां तक कि उसने एक कागज पर लिखकर भी दे दिया।
कसा निवासी वरुण के पिता दिग्विजय लगभग दस साल पहले सड़क हादसे का शिकार हो गए। इस हादसे के बाद वह अपाहिज हो गए, जिससे वह कोई काम-काज नहीं कर पाते हैं। इसके बाद से बच्चों के लालन-पालन की जिम्मेदारी मां मीरा देवी पर आ गई।
मीरा देवी ने ही अपने दोनों पुत्रों व पुत्री का पालन-पोषण किया। बड़ा बेटा अपनी पढ़ाई पूरी करके दिल्ली में नौकरी करता है। वरुण अभी पढ़ाई कर रहा है। मीरा देवी की मौत की जानकारी मिलते ही वह गांव से कासगंज आया तब तक उनका शव पोस्टमार्टम गृह के भीतर जा चुका था। पोस्टमार्टम गृह पर पहुंचकर उसे अपनी मां की मौत पर विश्वास नहीं हुआ।
वह कहता कि उसकी मां को बाहर निकाल दो वह उनका इलाज करा कर जान बचा लेगा, चाहे इसके लिए अपनी जान ही क्यों न देनी पड़े। इसके लिए वह मौके पर पहुंच अधिकारियों, विधायकों सहित अन्य लोगों के आगे कभी हाथ जोड़ने लगता तो कभी पैर छूने लगता। वह कहता कि यदि मेरी मां को कुछ हो गया तो वह किसके लिए पढ़ाई करेगा। मेरी मां मुझे वर्दी में देखना चाहती है। मुझे उनके सपने को पूरा करना है।
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