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कासगंज। प्रधानमंत्री पोषण योजना के तहत परिषदीय और माध्यमिक स्कूलों में माध्याह्न भोजन की गुणवत्ता की जांच प्रयोगशाला में कराई जाएगी। इससे अब स्कूल की छुट्टी होने तक भोजन को सुरक्षित रखना होगा। शासन के निर्देश के बाद बेसिक शिक्षा विभाग हरकत में आ गया है।
परिषदीय स्कूलों, सहायता प्राप्त बेसिक स्कूलों, शासकीय माध्यमिक और सहायता प्राप्त विद्यालयों में पढ़ने वाले लगभग 1.77 लाख बच्चों को मध्याह्न भोजन दिया जाता है। भोजन की गुणवत्ता पर शासन का रुख सख्त है। मध्याह्न भोजन मां समूह, विद्यालय के शिक्षक-शिक्षिकाओं और रसोइयों आदि के चखकर गुणवत्ता की परख करने के बाद ही परोसा जाता है। इसके साथ ही सैंपल भी रखा जाता है। इससे कि निरीक्षण के लिए पहुंचने वाले अधिकारी भोजन की गुणवत्ता को परख सकें। अब शासन ने इस व्यवस्था में बदलाव किया है। अब भोजन को स्कूल की छुट्टी होने तक सुरक्षित रखा जाएगा। इसके साथ ही माह में कम से कम 10 विद्यालयों के भोजन को प्रयोगशाला भेजकर गुणवत्ता की जांच कराई जाएगी।
भोजन चखने के लिए बनेगा रोस्टर
विद्यालय में परोसे जाने वाले भोजन की गुणवत्ता परखने के लिए दिवसवार रोस्टर बनेगा। जो व्यक्ति भोजन को चखेगा उसका नाम, पदनाम आदि ब्योरा रजिस्टर में अंकित किया जाएगा।
डाइनिंग शेड में भोजन करेंगे बच्चे
मध्याह्न भोजन के समय साफ-सफाई पर विशेष फोकस रहेगा। बच्चे डाइनिंग शेड में भोजन करेंगे। अगर किसी विद्यालय में यह व्यवस्था नहीं होगी तो वहां साफ सुथरे स्थान पर चटाई आदि बिछकर पंक्तिबद्घ रूप से उचित दूरी पर बच्चों को बैठाया जाएगा।
स्कूलों में वितरित होने वाले भोजन का सैंपल निकालकर पहले ही रखा जाता है। इसके अलावा चखने के बाद ही बच्चों को वितरित होता है। शासन से नए निर्देश मिले हैं। इनके पालन के लिए खंड शिक्षा अधिकारियों से कहा गया है। – राजीव यादव, बेसिक शिक्षा अधिकारी
कासगंज। प्रधानमंत्री पोषण योजना के तहत परिषदीय और माध्यमिक स्कूलों में माध्याह्न भोजन की गुणवत्ता की जांच प्रयोगशाला में कराई जाएगी। इससे अब स्कूल की छुट्टी होने तक भोजन को सुरक्षित रखना होगा। शासन के निर्देश के बाद बेसिक शिक्षा विभाग हरकत में आ गया है।
परिषदीय स्कूलों, सहायता प्राप्त बेसिक स्कूलों, शासकीय माध्यमिक और सहायता प्राप्त विद्यालयों में पढ़ने वाले लगभग 1.77 लाख बच्चों को मध्याह्न भोजन दिया जाता है। भोजन की गुणवत्ता पर शासन का रुख सख्त है। मध्याह्न भोजन मां समूह, विद्यालय के शिक्षक-शिक्षिकाओं और रसोइयों आदि के चखकर गुणवत्ता की परख करने के बाद ही परोसा जाता है। इसके साथ ही सैंपल भी रखा जाता है। इससे कि निरीक्षण के लिए पहुंचने वाले अधिकारी भोजन की गुणवत्ता को परख सकें। अब शासन ने इस व्यवस्था में बदलाव किया है। अब भोजन को स्कूल की छुट्टी होने तक सुरक्षित रखा जाएगा। इसके साथ ही माह में कम से कम 10 विद्यालयों के भोजन को प्रयोगशाला भेजकर गुणवत्ता की जांच कराई जाएगी।
भोजन चखने के लिए बनेगा रोस्टर
विद्यालय में परोसे जाने वाले भोजन की गुणवत्ता परखने के लिए दिवसवार रोस्टर बनेगा। जो व्यक्ति भोजन को चखेगा उसका नाम, पदनाम आदि ब्योरा रजिस्टर में अंकित किया जाएगा।
डाइनिंग शेड में भोजन करेंगे बच्चे
मध्याह्न भोजन के समय साफ-सफाई पर विशेष फोकस रहेगा। बच्चे डाइनिंग शेड में भोजन करेंगे। अगर किसी विद्यालय में यह व्यवस्था नहीं होगी तो वहां साफ सुथरे स्थान पर चटाई आदि बिछकर पंक्तिबद्घ रूप से उचित दूरी पर बच्चों को बैठाया जाएगा।
स्कूलों में वितरित होने वाले भोजन का सैंपल निकालकर पहले ही रखा जाता है। इसके अलावा चखने के बाद ही बच्चों को वितरित होता है। शासन से नए निर्देश मिले हैं। इनके पालन के लिए खंड शिक्षा अधिकारियों से कहा गया है। – राजीव यादव, बेसिक शिक्षा अधिकारी
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