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– फोटो : istock
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कासगंज में सत्र न्यायाधीश सै. माऊज बिन आसिम की अदालत ने जानलेवा हमले के चार दोषियों को 10-10 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही 44 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। जुर्माना अदा न करने पर अतिरिक्त कारावास काटना पड़ेगा।
नगला गंगी गांव में 30 अप्रैल 2010 को बासुदेव अपने खेत पर गए थे। वहां पहले से मौजूद रामू, राजू, ओमकार, भगवंत ने उन्हें लाठी-डंडों से पीटा। वह जान बचाकर अपने घर के पास पहुंचे तो पीछे से आरोपी भी आ गए। आरोपियों ने गाली-गलौज करते हुए फिर से मारपीट शुरू कर दी।
इसी बीच राजू ने तमंचे से फायर कर दिया। गोली उनकी पत्नी ऊषा और गोद में मौजूद बेटे शिवम को लगी। परिजनों के आने पर आरोपी जान से मारने की धमकी देते हुए भाग गए। मामले की प्राथमिकी कोतवाली में दर्ज कराई गई थी। पुलिस ने आरोपियों को जेल भेज दिया था।
विवेचक ने मामले की विवेचना कर पत्रावली कोर्ट में पेश कर दी। कोर्ट ने गवाहों के बयान एवं पत्रावली पर मौजूद साक्ष्यों के आधार पर चारों को दोषी माना। जिला शासकीय अधिवक्ता संजीव सिंह यदुवंशी ने मामले की पैरवी की। अधिवक्ता ने बताया कि कोर्ट ने चारों दोषियों को धारा 307 के तहत दस साल की सजा एवं धारा 323 के तहत 1-1 साल की सजा सुनाई। जुर्माना भी लगाया है। जेल में बिताई गई अवधि सजा में समायोजित की जाएगी।
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