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एक ही चिता पर लेटे भाई-बहनें
– फोटो : अमर उजाला
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कासगंज में दीवार गिरने से हादसे में भाई और दो बहनों की मौत हो गई। पोस्टमॉर्टम के बाद तीनों शव गांव पहुंचे तो गांव में चीत्कार मच गई। हर किसी का आंखे नम दिखी। शवों के अंतिम दर्शनों के लिये ग्रामीणों की भीड़ उमड़ पड़ी। अंतिम संस्कार में गांव के लोगों सहित आसपास के गांव से भी लोग शामिल हुए। ग्रामीण पीड़ित परिजनों को ढांढस बंधाते रहे।
इससे पहले ग्रामीणों ने गांव से लगभग तीन किलोमीटर दूर मैनपुरी-बदायूं हाईवे पर थाना गांव के पास शवों को रखकर प्रदर्शन करने लगे। इससे हाईवे जाम हो गया और यातायात बाधित हो गया। जाम की सूचना मिलते ही पुलिस टीम मौके पर पहुंची। लोगों को समझाने की कोशिश की लेकिन वह मानने को तैयार नहीं थे। इसके बाद उन्होंने इसकी सूचना प्रशासनिक अधिकारियों को दी।
सूचना पर एसडीएम रवेंद्र कुमार, तहसीलदार अरविंद गौतम व नायब तहसीलदार मुकेश कुमार मौके पर पहुंचे। एसडीएम ने ग्रामीणों से बात की और परिवार को हर संभव सरकारी मदद का भरोसा दिया। इसके ग्रामीण मानें और रास्ता खाली किया। इसके बाद पुलिस टीम ने मौर्चा संभाला और यातायात को सुचारू कराया।
एसडीएम रवेंद्र कुमार ने बताया कि मृतकों के परिजनों को बाल विकास योजना, विधवा पेंशन, राष्ट्रीय पारिवारिक योजना सहित सरकारी योजनाओं के माध्यम से हर संभव मदद की जाएगी।
एसडीएम के आश्वासन के बाद ग्रामीण तीनों शवों को लेकर अन्त्येष्टि स्थल पर पहुंचे। यहां जैसे ही एक ही चिता पर भाई और बहनों के तीनों शवों को रखा गया। दृश्य देखकर एक बार फिर चीत्कार मच गई। हर व्यक्ति की आंखें नम हो उठीं। लोगों की जबान पर एक ही शब्द रहा, ‘तीनों इस धरती पर आए तो अलग-अलग लेकिन इतनी कम उम्र में एक साथ दुनिया छोड़ गए’। सामने तीनों की चिताएं जल उठी।
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