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Karwa Chauth
– फोटो : अमर उजाला
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करवा चौथ पर बृहस्पतिवार को 46 साल बाद दुर्लभ योग बन रहा है। आगरा के ज्योतिषाचार्य शिवशरण पाराशर ने बताया कि करवा चौथ का व्रत सर्वार्थ सिद्धि, बुधादित्य और महालक्ष्मी योग में रखा जाएगा। गुरु एवं बृहस्पति अपनी ही राशि मीन में विराजमान हैं। इससे पहले करवा चौथ पर ग्रहों की ऐसी स्थिति 23 अक्तूबर 1975 में बनी थी। करवा चौथ के दिन शनि स्वराशि मकर, चंद्रमा उच्च राशि वृष और कन्या राशि में बुध और शुक्र की युति बन रही है।
उन्होंने कहा कि ग्रहों के सेनापति मंगल अपने ही नक्षत्र में हैं। यह व्रत रोहिणी नक्षत्र में मनाया जाएगा। मान्यता है कि करवा चौथ पर रोहिणी नक्षत्र में चंद्रमा की पूजा से सुहागिनों का भाग्योदय होता है और उन्हें पति की दीर्घायु का वरदान मिलता है। योग सौभाग्य के साथ ही सुख-समृद्धि बढाने वाला है। करवा चौथ की तिथि बुधवार रात 1.59 बजे से बृहस्पतिवार देर रात 3. 08 बजे तक रहेगी।
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