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करहल (मैनपुरी)।
आज न मैनपुरी किसी परिचय की मोहताज है और न ही इसकी विधासनसभा सीट करहल। ये वही करहल है जहां से अखिलेश यादव विधायक हैं। इसी करहल में कभी मुलायम सिंह यादव ने पहले शिक्षा हासिल की और फिर पहलवानी के लिए जाने गए। समय बदला तो इसी करहल में शिक्षक बन गए और फिर मुख्यमंत्री तक का राजनीति सफ तय किया। अकेली करहल ही है जो मुलायम सिंह यादव और जन-जन के प्रिय नेताजी के इस पूरे सफर की आज भी गवाह है।
करहल से सटे सैफई में जन्मे नेताजी मुलायम सिंह यादव ने अपनी शिक्षा करहल से ही हासिल की। करहल स्थित जैन इंटर कॉलेज में पहले उन्होंने शिक्षा ग्रहण की और यहीं के अखाड़े में पहलवानी के दांव पेच सीखे। जब बारी आई रोजगार की तो शिक्षा लेने के बाद जैन इंटर कॉलेज में ही शिक्षक हो गए। साइकिल से जब मुलायम सिंह यादव सैफई से करहल पढ़ाने के लिए आते तो उनका व्यवहार अलग ही रहता है। रास्ते में जो मिलता कोई पहलवानी जी कह के संबोधित करता तो कोई मास्टर साहब।
एक दिन ही इसी पहलवानी के अखाड़े से उठकर मुलायम ने सियासत के अखाड़े में ताल ठोक दीं। करहल निवासी राजनीति गुरु नत्थू सिंह से उन्होंने सियासत के दांव पेच सीखे और फिर सियासी अखाड़े में भी राजनीति के धुरंधरों को चारों खाने चित कर दिया। इसके बाद पहलवान जी और मास्टर साहब के नाम से प्रसिद्घ मुलायम सिंह यादव को एक नया नाम मिला और ये नाम था नेताजी। ये नाम आजीवन उनके साथ रहा। करहल ने मुलायम सिंह यादव को पहले मुख्यमंत्री और फिर देश का रक्षा मंत्री बनते देखा। करहल जहां आज तक नेताजी के हर छोटे बड़े कदम की गवाह रही है। वहीं उनके अंतिम दर्शन का भी करहल को अवसर मिला।
गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद करहल के रास्ते ही नेताजी ने अंतिम यात्रा के लिए प्रस्थान किया। लेकिन इस बार नजारा अलग था। हर बार बाहें फैलाकर नेताजी का स्वागत करने वाली करहल स्तब्ध रही। नम आंखों से करहल ने अपने नेताजी को श्रद्घांजलि अर्पित की।
जैन इंटर कॉलेज को विवि बनाने का अखिलेश ने किया था वादा
जिस जैन इंटर कॉलेज में नेताजी पढ़े और पढ़ाया उससे सैफई परिवार का जुड़ाव भी जग जाहिर है। 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में भी अखिलेश यादव ने करहल विधानसभा क्षेत्र में इसी जैन इंटर कॉलेज से चुनाव प्रचार की शुरुआत की थी। प्रचार के दौरान उन्होंने कहा था कि अगर उनकी सरकार आई तो जैन इंटर कॉलेज को विश्वविद्यालय बनाने का काम किया जाएगा। इसके साथ ही नगर के अन्य विद्यालयों को विकसित करने का वादा भी किया था।
करहल (मैनपुरी)।
आज न मैनपुरी किसी परिचय की मोहताज है और न ही इसकी विधासनसभा सीट करहल। ये वही करहल है जहां से अखिलेश यादव विधायक हैं। इसी करहल में कभी मुलायम सिंह यादव ने पहले शिक्षा हासिल की और फिर पहलवानी के लिए जाने गए। समय बदला तो इसी करहल में शिक्षक बन गए और फिर मुख्यमंत्री तक का राजनीति सफ तय किया। अकेली करहल ही है जो मुलायम सिंह यादव और जन-जन के प्रिय नेताजी के इस पूरे सफर की आज भी गवाह है।
करहल से सटे सैफई में जन्मे नेताजी मुलायम सिंह यादव ने अपनी शिक्षा करहल से ही हासिल की। करहल स्थित जैन इंटर कॉलेज में पहले उन्होंने शिक्षा ग्रहण की और यहीं के अखाड़े में पहलवानी के दांव पेच सीखे। जब बारी आई रोजगार की तो शिक्षा लेने के बाद जैन इंटर कॉलेज में ही शिक्षक हो गए। साइकिल से जब मुलायम सिंह यादव सैफई से करहल पढ़ाने के लिए आते तो उनका व्यवहार अलग ही रहता है। रास्ते में जो मिलता कोई पहलवानी जी कह के संबोधित करता तो कोई मास्टर साहब।
एक दिन ही इसी पहलवानी के अखाड़े से उठकर मुलायम ने सियासत के अखाड़े में ताल ठोक दीं। करहल निवासी राजनीति गुरु नत्थू सिंह से उन्होंने सियासत के दांव पेच सीखे और फिर सियासी अखाड़े में भी राजनीति के धुरंधरों को चारों खाने चित कर दिया। इसके बाद पहलवान जी और मास्टर साहब के नाम से प्रसिद्घ मुलायम सिंह यादव को एक नया नाम मिला और ये नाम था नेताजी। ये नाम आजीवन उनके साथ रहा। करहल ने मुलायम सिंह यादव को पहले मुख्यमंत्री और फिर देश का रक्षा मंत्री बनते देखा। करहल जहां आज तक नेताजी के हर छोटे बड़े कदम की गवाह रही है। वहीं उनके अंतिम दर्शन का भी करहल को अवसर मिला।
गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद करहल के रास्ते ही नेताजी ने अंतिम यात्रा के लिए प्रस्थान किया। लेकिन इस बार नजारा अलग था। हर बार बाहें फैलाकर नेताजी का स्वागत करने वाली करहल स्तब्ध रही। नम आंखों से करहल ने अपने नेताजी को श्रद्घांजलि अर्पित की।
जैन इंटर कॉलेज को विवि बनाने का अखिलेश ने किया था वादा
जिस जैन इंटर कॉलेज में नेताजी पढ़े और पढ़ाया उससे सैफई परिवार का जुड़ाव भी जग जाहिर है। 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में भी अखिलेश यादव ने करहल विधानसभा क्षेत्र में इसी जैन इंटर कॉलेज से चुनाव प्रचार की शुरुआत की थी। प्रचार के दौरान उन्होंने कहा था कि अगर उनकी सरकार आई तो जैन इंटर कॉलेज को विश्वविद्यालय बनाने का काम किया जाएगा। इसके साथ ही नगर के अन्य विद्यालयों को विकसित करने का वादा भी किया था।
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