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संवाद न्यूज एजेंसी, फिरोजाबाद
Updated Mon, 20 Nov 2023 12:49 PM IST
नवजात
– फोटो : Social Media
विस्तार
फिरोजाबाद में मेडिकल कॉलेज में स्थापित कंगारू मदर केयर (केएमसी) नवजात शिशुओं के लिए वरदान साबित हो रही है। मेडिकल कॉलेज में जहां एसएनसीयू में मशीनें फुल होने की वजह से नवजात शिशुओं को जगह नहीं मिल पा रही है। वहीं, केएमसी में मां के आंचल से लिपटकर 3500 से ज्यादा नवजात शिशुओं की जान बचा चुके हैं। कम वजन या समय से पहले जन्में शिशुओं का तापमान तेजी से गिरता है। ऐसे शिशुओं के शरीर की गर्माहट बनाए रखने में केएमसी कारगर तरीका साबित हुआ है। जिले में गर्भकाल में देखभाल न होने के कारण नवजात शिशु समय से पहले ही जन्म ले रहे हैं। वहीं, अवैध अस्पताल भी इसका मुख्य कारण है। इस वजह से मेडिकल कॉलेज के एसएनसीयू में मरीजों की संख्या दो से तीन गुनी ज्यादा रहती है। ऐसे में केएमसी वार्ड नवजात शिशुओं की जान बचाने में वरदान साबित हो रहा है। देखभाल के इस तरीके में शिशु को मां के सीने से लगाकर गर्माहट दी जाती है, इससे शिशु तेजी से विकास करता है।
एसएनसीयू के विभागध्यक्ष डाॅ. एलके गुप्ता ने बताया कि लगातार स्तनपान व केएमसी देने से 85 फीसदी शिशु स्वस्थ हो जाते हैं। तीन साल में 3500 से ज्यादा शिशुओं की जान बच चुकी है। कम वजन या समय से पहले जन्में शिशुओं में स्वयं को गरम बनाए रखने की क्षमता नहीं होती। ऐसे में तापमान सामान्य से कम होने पर शिशु को हाइपोथर्मिया हो सकता है और वह गंभीर बीमार हो सकते हैं। इस विधि को अपनाने से प्रसव के बाद प्लेसेंटा/ आंवल जल्दी बाहर आने के साथ ही मां का दूध भी जल्दी उतरता है। केएमसी प्रशिक्षित नर्सें शिशुओं को मां के सीने से इस प्रकार लगाकर रखती हैं कि मां की त्वचा से शिशु की त्वचा का लगाव हो सके। सुविधा के लिए प्रत्येक बच्चे के लिए एक गाउन, एक थर्मामीटर, एक केएमसी रैप और एक बेबी कैप दिया जाता है।
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