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डॉक्टर साहब, वजन ज्यादा नहीं है। भागदौड़-काम अधिक करने से घुटनों में दर्द है। बढ़ते वजन का बचाव करते हुए महिलाएं डाक्टरों को यही तर्क दे रही हैं। हकीकत इसके विपरीत है, एसएन मेडिकल कॉलेज के हड्डी रोग विभाग में आने वाले 62 फीसदी महिलाओं में जोड़ दर्द की वजह बढ़ा हुआ वजन है। डॉक्टर इन्हें एक किलो वजन कम करने पर घुटनों पर आठ किलो तक भार कम होने की बात बताकर प्रोत्साहित कर रहे हैं।
विभागाध्यक्ष डॉ. अमृत गोयल ने बताया कि ओपीडी में औसतन 300 मरीज रोज आ रहे हैं। इसमें से जोड़-घुटने दर्द के 90 फीसदी मरीज होते हैं। इनमें 70 फीसदी महिला मरीज हैं, जिनमें से 62 फीसदी में मोटापे-अधिक वजन के चलते घुटने घिसने, टेढ़ेमेढ़े होने, दर्द रहने, सूजन और गठिया की परेशानी हुई। औसतन 5 फीट की ऊंचाई वालों में 55-65 किलो और 5.5 फीट ऊंचाई वालों में 65-75 किलो वजन होना चाहिए। यह मरीजों 12-16 किलो तक ओवरवेट मिले। सीढि़या चढ़ने, वजन उठाने, बैठ कर उठने, कूदने-लांघने जैसी गतिविधियां करने पर घुटनों पर 7-8 गुना भार अधिक पड़ता है, जिससे घुटना तेजी से खराब होता है। अगर लोग एक किलो वजन कम करेंगे तो भार कम पड़ेगा और घुटनों को नुकसान नहीं होगा।
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