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जगदीशपुरा थाना
– फोटो : अमर उजाला
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आगरा के जगदीशपुरा में करोड़ों की जमीन पर कब्जे के मामले में फरार 25-25 हजार के इनामी बिल्डर कमल चौधरी और उसके बेटे धीरू ने कोर्ट में समर्पण के लिए प्रार्थनापत्र दिया है। उधर, पुलिस लगातार दबिश देने का दावा कर रही है। इनामी राशि बढ़ाने की भी तैयारी है। उधर, पुलिस ने भी आरोपियों की कुर्की की उद्घोषणा (धारा 82) के लिए कोर्ट में प्रार्थनापत्र दिया था लेकिन आदेश नहीं मिल सका है।
जगदीशपुरा में बैनारा फैक्टरी के पास 10 हजार वर्गगज जमीन कब्जाया गया था। दो फर्जी मुकदमे दर्जकर पांच लोग जेल भेजे गए थे। मामला डीजीपी तक पहुंचा तो जांच हुई। तत्कालीन एसओ जगदीशपुरा जितेंद्र कुमार, बिल्डर कमल चौधरी और धीरू चौधरी सहित 18 को नामजद कर मुकदमा दर्ज हुआ था। जितेंद्र कुमार सहित 3 को जेल भेजा जा चुका है। बिल्डर पिता-पुत्र फरार हैं।
बृहस्पतिवार को अधिवक्ता आशुतोष श्रोत्रिय के माध्यम से दोनों आरोपियों ने विशेष न्यायाधीश दस्यु प्रभावी क्षेत्र की अदालत में प्रार्थनापत्र दिया। इस पर थाना जगदीशपुरा से रिपोर्ट मांगी गई है। अधिवक्ता ने एक और प्रार्थनापत्र दिया, जिसमें कहा कि उच्च न्यायालय में याचिका लंबित है।
डीसीपी सिटी सूरज राय ने बताया कि सीआरपीसी की धारा 82 के आदेश के लिए न्यायालय में प्रार्थनापत्र प्रस्तुत किया था। मगर, कोर्ट का आदेश नहीं मिला है। उधर, किशोर बघेल भी समर्पण की तैयारी में है। उसकी तलाश में पुलिस दबिश दे रही है। वह हाथ नहीं आ सका है।
आखिर कहां छिपे हैं पिता-पुत्र
पुलिस ने मुकदमा दर्ज करने के बाद बिल्डर पिता-पुत्र की गिरफ्तारी के लिए दबिश दी थी। मगर, वो नहीं मिले थे। मोबाइल स्विच ऑफ हैं। पुलिस की टीम पूर्वांचल तक गई, लेकिन वो हाथ नहीं आ सके। दोनों पर पहले इनाम 10-10 हजार रुपये फिर 25-25 हजार रुपये कर दिया गया। इसके बावजूद दोनों कहां हैं? पुलिस की विशेष टीम भी पता नहीं कर सकी है। एसओजी, सर्विलांस भी दोनों की लोकेशन पता करने में फेल रही हैं।
उमा देवी के बारे में जानकारी जुटा रही पुलिस
मुकदमा लिखाने वाली उमा देवी दो बार ही पुलिस के सामने आई हैं। वह हर बार किसी न किसी के साथ आती है। पुलिस को अपना पता तक नहीं बताती हैं। पुलिस के पूछने पर कोई जवाब नहीं देती हैं। परिवार के लोग कहां हैं? यह तक नहीं बताया है। जमीन के असली मालिकाना हक को लेकर एक पक्ष अपना दावा भी कर चुका है। फर्जी मुकदमे लिखकर रवि कुशवाह के परिवार को जेल भेजा गया था। मगर, जिस मामले में एसओ और बिल्डर आरोपी बनाए गए, उसकी वादी उमा देवी हैं, रवि कुशवाह ने तहरीर नहीं दी। जमीन के बारे में तहसील से भी जानकारी जुटाई जा रही है।
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