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एटा का मेडिकल कॉलेज
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
एटा मेडिकल कॉलेज में एचआईवी संक्रमित बच्ची को इंजेक्शन लगाने के बाद उसी सिरिंज से अन्य बच्चों को इजेंक्शन लगाने का आरोप है। जहां चार बच्चों को एचआईवी की प्रीकॉशन एक महीने तक खिलाने के लिए दी गई है। सोमवार को दवा खाने के बाद एक बच्ची की हालत बिगड़ गई। उसके पिता ने उच्चाधिकारियों सहित कॉलेज के चिकित्सकों को जानकारी दी। काफी देर बाद चिकित्सक पहुंचे और बच्चे का हाल जाना। मंगलवार को तीन चिकित्सकों की देखरेख में उसे दवा खिलाई गई।
शहर निवासी करीब सात वर्षीय बच्ची के पिता ने बताया दवा खिलाने के बाद बच्ची की हालत बिगड़ गई थी। बच्ची की हालत देख मेरी पत्नी को चक्कर आ गया और वह गिर गई। वार्ड में भर्ती अन्य मरीजों के तीमारदार आए और उसे संभाला। बताया कि मंगलवार को तीन चिकित्सकों की टीम आई। बच्ची को अपने सामने दवा खिलवाई। पिता का कहना है कि बच्ची को घर ले जाने में डर लग रहा है। कहीं घर पर हालत बिगड़ गई तो तुरंत इलाज कैसे मिलेगा? बताया कि प्रधानमंत्री कार्यालय को अपनी शिकायत और पूरे मामले का मेल कर दिया है। रजिस्ट्री करके भी जानकारी वहां तक पहुंचाएंगे।
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बेटे को रखा दूर
पिता ने बताया कि बच्ची से बड़ा उसका एक बेटा है। दोनों साथ-साथ खेलते थे और पढ़ने जाते थे। बेटा बार-बार अपनी बहन को देखने-मिलने के लिए जिद करता है, लेकिन कॉलेज में उसे आने नहीं दे रहे हैं। बेटे को घर पर ही रखा है।
ठीक से हो जांच कराने की मांग
पीड़ित का कहना है मामले की अगर ठीक से जांच हो जाए तो कॉलेज की कई चीजें सामने आ जाएंगी। यहां की स्थिति ठीक नहीं है। जबसे हमने शिकायत की है, उस दिन से दवा बाहर से नहीं मंगाई है। जबकि पहले अधिकांश दवाएं बाहर से लानी पड़ती थीं।
सीसीटीवी फुटेज से हकीकत आएगी सामने
एमसीएच विंग में बच्चा वार्ड के पास तीन सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। बच्ची के पिता का दावा है कि अगर इन कैमरों की फुटेज देख ली जाए जो पता चल जाएगा कि यहां उपचार कैसे होता है। एक ही सिरिंज से इंजेक्शन लगाने की बात भी सामने आ जाएगी।
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