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सांकेतिक तस्वीर
– फोटो : अमर उजाला
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आगरा के आर मधुराज हॉस्पिटल और लखनऊ के लेवाना होटल अग्निकांड से अफसरों ने सबक नहीं लिया। कमिश्नर के आदेश के बावजूद अवैध होटल और हॉस्पिटल सील नहीं हुए। न नक्शा पास और न एनओसी फिर भी अवैध होटलों में पर्यटक रुक रहे हैं। अस्पतालों में मरीज भर्ती हो रहे हैं। कार्रवाई के नाम पर अग्निशमन, स्वास्थ्य विभाग और विकास प्राधिकरण रस्म अदायगी कर रहे हैं।
खेरिया मोड़ स्थित आर मधुराज हॉस्पिटल में अग्निकांड में तीन लोगों की मौत हो गई थी। जिसके बाद कमिश्नर अमित गुप्ता ने बेसमेंट में संचालित हॉस्पिटल बंद कराने के आदेश दिए थे, लेकिन सात दिन में स्वास्थ्य विभाग ने सात हॉस्पिटल भी सील नहीं किए। यही हाल, अग्निशमन मानकों को खूंटी पर टांग कर चल रहे होटलों का है।
कमिश्नर ने दिए थे सीलिंग के निर्देश
लखनऊ के लेवाना होटल अग्निकांड में चार लोगों की मौत के बाद शासन के निर्देश पर सर्वे में 18 हॉस्पिटल, होटल व बिल्डिंग संवेदनशील मिलीं। एक अक्तूबर को कमिश्नर ने सीलिंग के आदेश दिए, लेकिन 10 दिन बाद चिह्नित होटल में चुनिंदा पर कार्रवाई की रस्म निभाई गई है। ऐसे में एडीए अधिकारियों की भूमिका पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। एडीए के फील्ड कर्मियों की मिलीभगत से अवैध निर्माण हो रहे हैं। उधर, अवैध होटलों को लेकर एडीए के अलावा पुलिस ने भी आंख मूंद रखी हैं।
कमिश्नर अमित गुप्ता ने कहा कि जो चिह्नित किए हैं उन सभी पर कार्रवाई होगी। कई होटल सील भी किए हैं। बिना अग्निशमन मानक व नक्शा पास चल रहे नए भवन भी चिह्नित किए जा रहे हैं।
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