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साइबर फ्रॉड
– फोटो : ??? ?????
विस्तार
आगरा में साइबर ठग रोजाना नए-नए तरीके अपनाकर लोगों को ठगी का शिकार बना रहे हैं। कभी रिश्तेदार तो कभी पेटीएम कंपनी का प्रतिनिधि बनकर कॉल करते हैं। मोबाइल पर लिंक भेजकर तो फर्जी हेल्पलाइन का प्रतिनिधि बनकर ठगी का शिकार बना रहे हैं। पुलिस बड़े मामलों में तो कार्रवाई करती है। मगर, कम रकम और सामान्य मामलों में आरोपी नहीं पकड़े जा रहे हैं। ऐसे में पीड़ितों को भटकना ही पड़ रहा है।
एयरफोर्स स्टेशन पर तैनात विंग कमांडर जोसेफ ने साइबर सेल में 23 फरवरी को शिकायत दर्ज कराई थी। इंटरनेट मीडिया पर ऑनलाइन यूसी आईपीओ स्टाक ट्रेडिंग के नाम पर साइबर ठगी की गई थी। 1.99 करोड़ रुपये निवेश करा लिए। शिकायत पर जांच हुई। पुलिस ने शनिवार को दो आरोपी पकड़े। इनमें कानपुर नगर की इंडसइंड बैंक की शाखा के कर्मचारी अभिषेक मिश्रा और गोपाल नगर के विकास त्रिवेदी हैं। घटना का एक महीने में ही खुलासा हो गया। इस तरह के कई मामले पुलिस के पास रोजाना पहुंच रहे हैं, जिनमें किसी न किसी तरीके से लोगों को ठगा जा रहा है। हजारों से लेकर लाखों में रकम धोखाधड़ी करके ली जा रही है।
केस : 1 : शाहगंज निवासी साजिद के खाते से अक्तूबर 2023 को पेटीएम कंपनी का प्रतिनिधि बनकर 23 हजार रुपये निकाल लिए गए थे। मामले में दिसंबर 2023 में थाना शाहगंज में मुकदमा दर्ज किया गया। आरोपी अब तक नहीं पकड़े गए।
केस : 2 : पुलिस लाइन में तैनात सिपाही कौशलेंद्र सिंह के पास 22 मार्च को एक व्यक्ति का कॉल आया। उसने खुद को परिचित बताया। कहा कि रुपयों की जरूरत है। कुछ दिन बाद रुपये लौटा देगा। सिपाही से 22 हजार रुपये की ठगी कर ली। मामले में जांच चल रही है।
केस : 3 : मूलरूप से विशाखापट्टनम निवासी जगदीश बाबू के पास 18 अगस्त 2023 को मोबाइल पर एक लिंक आया था। उन्होंने बैंक का लिंक समझकर क्लिक कर दी। इससे मोबाइल हैक हो गया। खाते से 49 हजार रुपये ट्रांसफर कर लिए गए। उनकी तहरीर पर 3 मार्च को थाना हरीपर्वत में मुकदमा दर्ज किया गया।
केस : 4 : श्रीनगर काॅलोनी, नरीपुरा निवासी विकास कुमार ने 24 जून 2023 को ऑनलाइन फ्लाइट की टिकट बुक की थी। अगले दिन स्टेटस चेक किया तो टिकट कैंसिल हो गई। इसको लेकर ऑनलाइन हेल्पलाइन नंबर खोजकर बात की। कॉल रिसीव करने वाले ने मोबाइल पर एप डाउनलोड करा दिया। इसके बाद खाते की जानकारी लेकर 1.79 लाख रुपये निकाल लिए। मामले में 16 जनवरी को मुकदमा दर्ज किया गया था। आरोपी नहीं पकड़े गए।
सावधान रहेंगे तो नहीं होगी धोखाधड़ी
डीसीपी सिटी सूरज राय ने बताया कि प्रत्येक मामले में साइबर क्राइम थाना की टीम को लगाया जाता है। टीम खातों को फ्रीज कराकर रकम वापसी कराती है। कई मामलों में अपराधी दूरदराज के राज्यों में बैठे होते हैं। फर्जी खाते और फर्जी आईडी से लिए गए सिम के नंबर से कॉल करते हैं। इस कारण पुलिस की पकड़ में नहीं आते हैं। लोगों को सावधान रहने की जरूरत है। ओटीपी किसी अनजान व्यक्ति को नहीं बताएं। काॅल कर मदद का झांसा देने वालों की बातों में नहीं आएं। मोबाइल आने वाले लिंक पर क्लिक नहीं करना चाहिए। निवेश के नाम पर रकम देने से पहले जानकारी जुटा लें।
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