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मैनपुरी। थाना भोगांव क्षेत्र में सात साल पहले दहेज की मांग पूरी नहीं होने पर महिला की हत्या करने वाले पति और ससुर को एफटीसी प्रथम की जज अनीता ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। दोनों पर 28-28 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। सजा सुनाए जाने के बाद दोनों को हिरासत में लेकर जेल भेजा गया है।
थाना भोगांव के सिवाई निवासी अमित कुमार की शादी नौ मई 2014 को प्रीती के साथ हुई थी। आरोप है कि शादी के बाद दहेज में दो लाख रुपये की मांग को लेकर अमित ने प्रीती का मानसिक और शारीरिक उत्पीड़न करने लगा था। दहेज की मांग पूरी नहीं होने पर पति अमित, ससुर राधेश्याम ने 29 सितंबर 2014 को प्रीती की हत्या कर दी। शव को घर में पड़ा छोड़कर प्रीती के पति और ससुर भाग गए। प्रीती के पिता प्रमोद कुमार ने दोनों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करा दी। पुलिस ने जांच करने के बाद दोनों को दोषी पाकर चार्जशीट कोर्ट में भेज दी।
मुकदमे की सुनवाई एफटीसी प्रथम की जज अनीता की कोर्ट में हुई। अभियोजन पक्ष की ओर से वादी, विवेचक, चिकित्सक सहित गवाहों ने दोनों केे खिलाफ कोर्ट में गवाही दी। गवाही के आधार पर पति और ससुर को प्रीती की हत्या करने का दोषी पाया गया। एडीजीसी मुकुल रायजादा ने दोनों को कड़ी सजा देने की दलील दी। एफटीसी प्रथम की जज अनीता ने प्रीती की हत्या करने वाले पति और ससुर को आजीवन कारावास की सजा सुनाकर 28-28 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। सजा सुनाने के बाद दोनों को हिरासत में लेकर जेल भेजा गया है।
प्रीती की हत्या करने वाले पति अमित को पुलिस ने पकड़कर जेल भेज दिया। उसकी किसी भी अदालत से जमानत मंजूर नहीं हुई। उसको पूरा मुकदमा जेल में रहकर ही लडना पड़ा। शनिवार को निर्णय सुनने के लिए उसको जेल से ही अदालत में लाया गया। ससुर राधेश्याम जमानत पर होने के कारण घर से न्यायालय आया था। सजा होने पर दोनों को उसको अदालत से ही जेल भेज दिया गया।
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मैनपुरी। थाना भोगांव क्षेत्र में सात साल पहले दहेज की मांग पूरी नहीं होने पर महिला की हत्या करने वाले पति और ससुर को एफटीसी प्रथम की जज अनीता ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। दोनों पर 28-28 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। सजा सुनाए जाने के बाद दोनों को हिरासत में लेकर जेल भेजा गया है।
थाना भोगांव के सिवाई निवासी अमित कुमार की शादी नौ मई 2014 को प्रीती के साथ हुई थी। आरोप है कि शादी के बाद दहेज में दो लाख रुपये की मांग को लेकर अमित ने प्रीती का मानसिक और शारीरिक उत्पीड़न करने लगा था। दहेज की मांग पूरी नहीं होने पर पति अमित, ससुर राधेश्याम ने 29 सितंबर 2014 को प्रीती की हत्या कर दी। शव को घर में पड़ा छोड़कर प्रीती के पति और ससुर भाग गए। प्रीती के पिता प्रमोद कुमार ने दोनों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करा दी। पुलिस ने जांच करने के बाद दोनों को दोषी पाकर चार्जशीट कोर्ट में भेज दी।
मुकदमे की सुनवाई एफटीसी प्रथम की जज अनीता की कोर्ट में हुई। अभियोजन पक्ष की ओर से वादी, विवेचक, चिकित्सक सहित गवाहों ने दोनों केे खिलाफ कोर्ट में गवाही दी। गवाही के आधार पर पति और ससुर को प्रीती की हत्या करने का दोषी पाया गया। एडीजीसी मुकुल रायजादा ने दोनों को कड़ी सजा देने की दलील दी। एफटीसी प्रथम की जज अनीता ने प्रीती की हत्या करने वाले पति और ससुर को आजीवन कारावास की सजा सुनाकर 28-28 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। सजा सुनाने के बाद दोनों को हिरासत में लेकर जेल भेजा गया है।
प्रीती की हत्या करने वाले पति अमित को पुलिस ने पकड़कर जेल भेज दिया। उसकी किसी भी अदालत से जमानत मंजूर नहीं हुई। उसको पूरा मुकदमा जेल में रहकर ही लडना पड़ा। शनिवार को निर्णय सुनने के लिए उसको जेल से ही अदालत में लाया गया। ससुर राधेश्याम जमानत पर होने के कारण घर से न्यायालय आया था। सजा होने पर दोनों को उसको अदालत से ही जेल भेज दिया गया।
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