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मैनपुरी। विकास खंड जागीर की ग्राम पंचायत औंग में लाइटों में हुए फर्जीवाड़े की जांच के आदेश मुख्य विकास अधिकारी विनोद कुमार ने दिए हैं। अमर उजाला की खबर का संज्ञान लेकर उन्होंने जिला पंचायत राज अधिकारी अविनाश चंद्र को पांच दिन में जांच कर पूरी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के आदेश दिए हैं। इसमें किसी प्रकार की लापरवाही न बरते जाने के लिए भी कहा गया है।
अमर उजाला द्वारा ग्राम पंचायतों में लगाई गई लाइटों में हुए फर्जीवाड़े को लगातार उजागर किया जा रहा है। इसके चलते आठ सितंबर के अंक में ग्राम पंचायत औंग में लाइटों में फर्जीवाड़ा करने की खबर प्रकाशित की गई थी। ग्राम पंचायत औंग में सर्वाधिक 14.90 लाख रुपये की लाइटें लगाई गई थीं। इनमें एस्ट्रोनोमिक टाइमर वाली लाइट का भुगतान किया गया, जबकि वास्तव में लाइट बिना एस्ट्रोनोमिक टाइमर के लगवाई गई। शासन के आदेश के अनुसार एस्ट्रोनोमिक टाइमर की कीमत ही साढ़े छह सौ रुपये के करीब है। ऐसे में प्रशासन की आंखों में धूल झोंकने के लिए लाइटें तो लगवा दी गईं, लेकिन उसमें टाइमर नहीं लगाया गया। इसके स्थान पर लाइटें बंद करने के लिए दस रुपये का स्विच लगा दिया गया। इस पूरे फर्जीवाड़े की जांच के आदेश मुख्य विकास अधिकारी विनोद कुमार ने दिए हैं। उन्होंने डीपीआरओ अविनाश चंद्र को अमर उजाला की खबर का संज्ञान लेते हुए गांव में जाकर जांच करने के आदेश दिए हैं। पांच दिन में उन्होंने जांच रिपोर्ट उपलब्ध कराने के लिए कहा है। इसमें प्रत्येक बिंदु की गहनता से जांच करने के लिए कहा गया है। जांच के आदेश होने के बाद दोषी प्रधान और सचिव में खलबली मच गई है।
वर्जन
औंग में फर्जीवाड़े की बात अमर उजाला अखबार के माध्यम से संज्ञान में आई है। डीपीआरओ को जांच के आदेश दिए हैं। पांच दिन में जांच रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई की जाएगी।
– विनोद कुमार, मुख्य विकास अधिकारी।
विस्तार
मैनपुरी। विकास खंड जागीर की ग्राम पंचायत औंग में लाइटों में हुए फर्जीवाड़े की जांच के आदेश मुख्य विकास अधिकारी विनोद कुमार ने दिए हैं। अमर उजाला की खबर का संज्ञान लेकर उन्होंने जिला पंचायत राज अधिकारी अविनाश चंद्र को पांच दिन में जांच कर पूरी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के आदेश दिए हैं। इसमें किसी प्रकार की लापरवाही न बरते जाने के लिए भी कहा गया है।
अमर उजाला द्वारा ग्राम पंचायतों में लगाई गई लाइटों में हुए फर्जीवाड़े को लगातार उजागर किया जा रहा है। इसके चलते आठ सितंबर के अंक में ग्राम पंचायत औंग में लाइटों में फर्जीवाड़ा करने की खबर प्रकाशित की गई थी। ग्राम पंचायत औंग में सर्वाधिक 14.90 लाख रुपये की लाइटें लगाई गई थीं। इनमें एस्ट्रोनोमिक टाइमर वाली लाइट का भुगतान किया गया, जबकि वास्तव में लाइट बिना एस्ट्रोनोमिक टाइमर के लगवाई गई। शासन के आदेश के अनुसार एस्ट्रोनोमिक टाइमर की कीमत ही साढ़े छह सौ रुपये के करीब है। ऐसे में प्रशासन की आंखों में धूल झोंकने के लिए लाइटें तो लगवा दी गईं, लेकिन उसमें टाइमर नहीं लगाया गया। इसके स्थान पर लाइटें बंद करने के लिए दस रुपये का स्विच लगा दिया गया। इस पूरे फर्जीवाड़े की जांच के आदेश मुख्य विकास अधिकारी विनोद कुमार ने दिए हैं। उन्होंने डीपीआरओ अविनाश चंद्र को अमर उजाला की खबर का संज्ञान लेते हुए गांव में जाकर जांच करने के आदेश दिए हैं। पांच दिन में उन्होंने जांच रिपोर्ट उपलब्ध कराने के लिए कहा है। इसमें प्रत्येक बिंदु की गहनता से जांच करने के लिए कहा गया है। जांच के आदेश होने के बाद दोषी प्रधान और सचिव में खलबली मच गई है।
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औंग में फर्जीवाड़े की बात अमर उजाला अखबार के माध्यम से संज्ञान में आई है। डीपीआरओ को जांच के आदेश दिए हैं। पांच दिन में जांच रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई की जाएगी।
– विनोद कुमार, मुख्य विकास अधिकारी।
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